BHOPAL. राजनयिक पासपोर्ट इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी वजह है यौन शोषण के आरोपी सांसद प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी जाना।
भारत छोड़ते समय प्रज्वल रेवन्ना ने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। उनके राजनयिक पासपोर्ट के इस्तेमाल ने संभावित प्रोटोकॉल उल्लंघन के बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं। तो आइए जानते हैं आखिर क्या होता है राजनयिक पासपोर्ट और इसके संभावित प्रोटोकॉल.....
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राजनयिक पासपोर्ट क्या है?
राजनयिक पासपोर्ट ( Diplomatic Passport ) आधिकारिक मिशनों या सरकारी व्यवसाय पर किसी देश का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं।
इनका उपयोग राजनयिकों, सरकारी अधिकारियों और कभी-कभी उनके निकटतम परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता है। ये पासपोर्ट पहचान का एक रूप होते हैं।
राजनयिक पासपोर्ट के विशेषाधिकार
यह लाल रंग का होता है। इसे 'टाइप डी' पासपोर्ट भी कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत कुछ कानूनी विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियाँ जैसे गिरफ्तारी, हिरासत और मेज़बान देश में कुछ कानूनी कार्यवाही से छूट प्रदान करते हैं।
यह राजनयिक पासपोर्ट धारकों को उन देशों में बिना वीज़ा के 90 दिनों तक रहने की अनुमति देता है, जहाँ उनकी यात्रा व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिये न हो।
भारत ने राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिये जर्मनी सहित 34 देशों के साथ परिचालन वीज़ा छूट समझौते किए हैं।
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कब किया जाता है राजनयिक पासपोर्ट को रद्द
पासपोर्ट प्राधिकरण इसे भारत के हितों के लिये आवश्यक मानता है, यदि धारक इसका उपयोग निजी हित के लिए करें।
यदि धारक को भारत में दोषी ( अपराधी ) ठहराया गया है। ऐसी स्थिति में धारक कार्यवाही से बचने के लिए इसका उपयोग करें।
यदि धारक ने इसे गलत तरीके से प्राप्त किया है।
राजनयिक पासपोर्ट निरस्त करने की शक्ति:
पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत, एक राजनयिक पासपोर्ट को रद्द किया जा सकता है
राजनयिक पासपोर्ट को निरस्त करने का अधिकार पासपोर्ट प्राधिकरण के पास होता है।
हालाँकि, सरकार किसी राजनयिक पासपोर्ट को न्यायालय के आदेश के बाद ही निरस्त कर सकती है।
पासपोर्ट क्या है...
पासपोर्ट ( Passport ) सरकार द्वारा जारी किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है। यह अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों के लिये पहचान और यात्रा दस्तावेज़ के रूप में कार्य करता है।
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भारत में, पांच तरह के पासपोर्ट होते हैं:
1. साधारण पासपोर्ट (नीला रंग):
यह सबसे आम प्रकार का पासपोर्ट है, जो भारतीय नागरिकों को पर्यटन, व्यवसाय, शिक्षा और अन्य व्यक्तिगत यात्राओं के लिए जारी किया जाता है।
इसकी वैधता वयस्कों के लिये 10 वर्ष, अवयस्कों के लिये 5 वर्ष की वैधता होती है।
2. आधिकारिक पासपोर्ट (सफेद रंग):
यह सामान्य पासपोर्ट की तरह ही होता है और यह पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों को आधिकारिक कार्यों के लिए विदेश यात्रा करने के लिए जारी किया जाता है।
इसकी वैधता 10 वर्ष की होती है।
2. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट (मैरून रंग):
यह पासपोर्ट भारत सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों, राजनयिकों और उनके परिवारों को जारी किया जाता है।
इसकी वैधता 5 वर्ष या उससे कम की होती है।
4. उत्प्रवास जाँच आवश्यक पासपोर्ट (ECR) ( नारंगी रंग ):
यह पासपोर्ट वे भारतीय नागरिक जिन्होंने 10वीं कक्षा की शिक्षा पूरी नहीं की है।
इसकी वैधता 10 वर्ष की होती है।
5. आपातकालीन पासपोर्ट (सफेद रंग):
यह पासपोर्ट उन भारतीय नागरिकों को जारी किया जाता है जिन्हें तत्काल यात्रा करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि चिकित्सा आपातकालीन स्थिति या परिवार में मृत्यु।
इसकी वैधता सीमित होती है, आमतौर पर कुछ महीने या यात्रा के उद्देश्य तक।