BHOPAL. लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok sabha election 2024 ) के तीसरे चरण में देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 लोकसभा सीटों पर 65.5 प्रतिशत मतदान हुआ। तीसरे चरण में 75.30 प्रतिशत के साथ सबसे ज्यादा मतदान असम में हुआ है, वहीं बंगाल में 73.93 प्रतिशत और सबसे कम 54.98 प्रतिशत मतदान महाराष्ट्र में हुआ है। चुनाव आयोग के अनुसार बिहार की पांच सीटों पर 60 प्रतिशत मतदान हुआ है। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की 9 सीटों पर दूसरे चरण के मुकाबले औसतन बेहतर वोटिंग मानी जा सकती है। पहले चरण में 68.05 और दूसरे में 58.66 प्रतिशत वोट डाले गए थे। तीसरे चरण में 66.05 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। छत्तीसगढ़ में अंतिम चरण में 71.06% वोटिंग:सबसे ज्यादा 78.78 सरगुजा और 78.43% रायगढ़ में मतदान, बिलासपुर में सबसे कम 63.95 प्रतिशत वोट पड़े ।
MP में तीसरे चरण की नौ सीटों पर मतदान
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में भोपाल, विदिशा, राजगढ़, सागर, बैतूल, गुना, ग्वालियर, मुरैना और भिंड में 66.05 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। इन सीटों पर 2019 में 66.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। उससे यह 0.58 फीसदी कम है। सबसे ज्यादा मतदान राजगढ़ सीट पर 75.39 प्रतिशत हुआ है। जबकि सबसे कम भिंड सीट पर 54.87 प्रतिशत मतदान हुआ है। प्रदेश में तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत पहले दो चरणों के मुकाबले बढ़ने का कारण कैंडिडेंट, कार्यकर्ता और कार्यक्रम तीन 'क' फैक्टर बताए जा रहे हैं। इस बार इन नौ सीटों में से चार विदिशा, गुना, ग्वालियर और भिंड में 2019 के मुकाबले 0.45 से 8.3 फीसदी तक मतदान बढ़ा है। हालांकि, भोपाल में 12.1 फीसदी की गिरावट आई है, जो चौंकाने वाली है।
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क्या है तीन 'क' फैक्टर
1- कैंडिडेंट- तीसरे चरण की नौ सीटों में से दो पर पूर्व मुख्यमंत्री और एक पर केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ रहे थे। राजगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करीब तीस साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी वजह से मुकाबला कांटे की टक्कर वाला बन गया। राजगढ़ सीट पर प्रदेश में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। वहीं, दूसरी विदिशा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे। उन्होंने प्रदेश में लोकप्रिय राजनीतिक चेहरे के रूप में सामने आने के लिए बड़े मार्जिन से जीत के लिए चुनाव में जोर लगाया। वहीं, तीसरे सीट गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी 2019 में हार के बाद अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए तैयारी की। सिंधिया और उनका परिवार लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहा।
2-कार्यक्रम- पहले और दूसरे चरण में शादी विवाह के कार्यक्रम को कम मतदान का कारण बताया गया। 26 अप्रैल को शादी विवाह का शुभ मुहूर्त का अंतिम दिन था। इसके साथ ही चुनाव आयोग के ऊपर भी कम मतदान को लेकर सवाल उठ रहे थे। उन्होंने चले बूथ अभियान जैसे कार्यक्रम के साथ ही पूरे सप्ताह मतदाताओं से संपर्क करने और उनको मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूक किया। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सामाजिक, व्यापारिक संगठनों को जोड़ा। जिसमें लकी ड्रा के माध्यम से डायमंड रिंग, फ्रीज, कूलर, रेस्टारेंट में खाने पर डिस्काउंट जैसे प्रयास किए गए।
3- कार्यकर्ता- राजनीतिक दलों की भी कम मतदान से सांसें रूक रही थी। तीसरे चरण में प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सक्रिय किया। भाजपा ने बूथ लेवल के पदाधिकारियों के साथ ही जिला पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधयों को जिम्मेदारी दी। उन्होंने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाताओं को जागरूक करने के साथ ही उनको घरों से निकाला।
सीट 2024 2019 अंतर
राजगढ़- 75.39 79.46 (-4.07)
विदिशा- 74.05 65.70 (+8.35)
बैतूल- 72.65 78.15 (-5.5)
गुना- 71.95 70.32 (+1.63)
सागर- 65.19 65.51 (-0.32)
भोपाल- 62.29 74.39 (-12.1)
ग्वालियर- 61.68 59.78 (+1.9)
मुरैना- 58.22 61.89 (-3.67)
भिंड- 54.87 54.42 (+0.45)
एमपी में पहले दो चरणों में इतना हुआ था मतदान
1. पहले चरण में छह सीटों पर 67.75% मतदान हुआ था। इन सीटों पर 2019 में 75.23% वोटिंग हुई। इस बार पिछली बार की तुलना में 7.48% कम मतदान हुआ।
2. दूसरे चरण में छह सीटों पर 58.62 प्रतिशत मतदान हुआ। इन सीटों पर 2019 में 67.64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार पिछली बार की तुलना में 9.05 प्रतिशत कम मतदान हुआ।
अब बात कर लेते हैं छत्तीसगढ़ की
छत्तीसगढ़ में अंतिम चरण में 71.06% वोटिंग:सबसे ज्यादा 78.78 सरगुजा और 78.43% रायगढ़ में मतदान; बिलासपुर में सबसे कम 63.95 प्रतिशत वोट पड़े । लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की 7 सीटों रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, दुर्ग, जांजगीर-चांपा और सरगुजा के लिए मतदान हो चुका है। अंतिम चरण में अब तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल 71.06% वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा 78.78 फीसदी सरगुजा और 78.43% रायगढ़ में मतदान हुआ है। वहीं, बिलासपुर में सबसे कम 63.95 प्रतिशत वोट पड़े हैं। अंतिम चरण के चुनाव में कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेताओं सहित 168 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें 26 महिला उम्मीदवार हैं। सबसे ज्यादा 38 रायपुर और फिर बिलासपुर में 37 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। मतदान के नतीजे 4 जून को आएंगे। दूसरी ओर मूलभूत सुविधाओं को लेकर सरगुजा, बिलासपुर और कोरबा में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। रायपुर में कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने पोलिंग बूथ पर नींबू-पानी पिलाने वालों को भाजपा का एजेंट बताते हुए धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपाइयों ने भी जमकर नारेबाजी की।
सबसे ज्यादा वोटिंग सरगुजा में, सबसे कम बिलासपुर में
सातों लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा मतदान 78.78% सरगुजा में इसके बाद 8.43% रायगढ़ में हुआ। सबसे कम वोटिंग बिलासपुर में 63.95 प्रतिशत हुई है। 2019 में तीसरे चरण में 71.14 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार 71.06% हुआ। फर्स्ट फेज में 2.25 और दूसरे चरण में 1.3 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ था।
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इस चरण में गृह मंत्री अमित शाह ( गांधीनगर ), शिवराज सिंह चौहान ( विदिशा ), ज्योतिरादित्य सिंधिया ( गुना ), मनसुख मंडाविया ( पोरबंदर ), पुरुषोत्तम रूपाला ( राजकोट ), प्रल्हाद जोशी ( धारवाड़ ), एसपी सिंह बघेल ( आगरा ), डिंपल यादव ( मैनपुरी ), सुप्रिया सुले ( बारामती ) और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ( राजगढ़ ) से मैदान में हैं।
मतदान के बाद सियासी समीकरण
लोकसभा चुनाव में पहले दो चरणों के मुकाबले तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ने से आने वाले चरणों के लिए ज्यादा मतदान की उम्मीदें बंधी हैं। भाजपा ने भी इस चरण के मतदान को अपने लिए बेहतर माना है और अगले दो दिन में वह अपनी बूथ स्तरीय रिपोर्ट की भी समीक्षा कर लेगी। इसके बाद आने वाले बाकी चार चरणों की रणनीति पर काम किया जाएगा। हालांकि भाजपा नेताओं का दावा है कि अभी तक उसकी रणनीति के अनुसार ही चुनाव आगे बढ़ रहा है। आपको बता दें कि 93 लोकसभा सीटों के लिए तीसरे चरण के लिए हुई वोटिंग में मतदान 64.5% तक पहुंच गया। 2019 में यह 66% था। पहले दो चरणों की तरह, तीसरे दौर में भी 2019 की तुलना में कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया, लेकिन अंतर काफी कम हो गया है। चुनाव आयोग के वोटर ऐप पर रात 11.45 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में असम में 81.7% के साथ सबसे अधिक मतदान हुआ। सबसे कम उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मतदान हुआ, जहां 2019 में 60% के मुकाबले 57.3% मतदान हुआ। बिहार में 58.2% और गुजरात में 59.2% वोटिंग हुई है। भाजपा इस बार लगातार तीसरी बार सत्ता की दावेदार ही नहीं है, बल्कि उसका लक्ष्य भी बड़ा है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत और हर बूथ पर उसके अपने समर्थन में पड़ने वाले और विरोध में जाने वाले वोट काफी अहम है।