सर्दी-जुकाम को बिल्कुल ना करें नजरअंदाज, H3N2 वायरस ऐसे बना रहा है लोगों को बीमार, जानिए इसके लक्षण

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Jitendra Shrivastava
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सर्दी-जुकाम को बिल्कुल ना करें नजरअंदाज, H3N2 वायरस ऐसे बना रहा है लोगों को बीमार, जानिए इसके लक्षण

DELHI. देश में एक ओर कोरोना वायरस के मामले तो कम हो रहे हैं, लेकिन सर्दी-खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का कहना है कि ऐसा एक तरह के इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से हो रहा है। आईसीएमआर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीते दो-तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 के कारण बुखार और सर्दी-खांसी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि H3N2 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। 



सांस की नली में बढ़ रहे संक्रमण के मामले 



वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि अभी मौसमी बुखार फैल रहा है जो पांच से सात दिन तक रहता है। आईएमए ने बुखार या सर्दी-जुकाम होने पर एंटीबायोटिक लेने से बचने की सलाह दी है। आईएमए ने कहा कि बुखार तो तीन दिन में चला जा रहा है, लेकिन सर्दी-खांसी तीन हफ्तों तक रह रही है। प्रदूषण के कारण भी 15 साल से कम और 50 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों में सांस की नली में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।



इनफ्लूएंजा मतलब क्या?




  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस चार टाइप- A, B, C और D का होता है. इनमें A और B टाइप से मौसमी फ्लू फैलता है।


  • हालांकि, इनमें इन्फ्लूएंजा A टाइप को महामारी का कारण माना जाता है. इन्फ्लूएंजा टाइप A के दो सबटाइप होते हैं. एक होता है H3N2 और दूसरा- H1N1।

  • वहीं, इनफ्लूएंजा टाइप B के सबटाइप नहीं होते, लेकिन इसके लाइनेज हो सकते हैं। टाइप C को बेहद हल्का माना जाता है और खतरनाक नहीं होता. जबकि, टाइप D मवेशियों में फैलता है।

  • आईसीएमआर के मुताबिक, कुछ महीनों में कोविड के मामले कम हुए हैं, लेकिन H3N2 के मामले में बढ़ोतरी हुई है। सर्विलांस डेटा बताता है कि 15 दिसंबर के बाद से H3N2 के मामले बढ़े हैं।

  • आईसीएमआर ने बताया कि सीवियर एक्यूट रेस्पेरिटरी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित आधे से ज्यादा लोग H3N2 से संक्रमित मिले हैं।



  • क्या हैं इसके लक्षण?




    • WHO के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने पर बुखार, खांसी (आमतौर पर सूखी), सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट, गले में खराश और नाक बहने जैसे लक्षण नजर आते हैं।


  • ज्यादातर लोगों का बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन खांसी ठीक होने में दो या उससे ज्यादा हफ्ते का समय लग जाता है।



  • किन्हें ज्यादा खतरा?




    • वैसे तो इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति को कभी भी हो सकता है। इससे सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और किसी बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को है।


  • इनके अलावा हेल्थकेयर वर्कर्स को भी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। 



  • कैसे फैल सकता है ये?




    • चूंकि ये वायरल बीमारी है, इसलिए किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये आसानी से फैल सकता है। WHO के मुताबिक, भीड़भाड़ वाली जगहों पर ये आसानी से फैल सकता है।


  • इन्फ्लूएंजा से संक्रमित कोई व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं।

  • इतना ही नहीं, किसी संक्रमित सतह को छूने से भी ये वायरस फैल सकता है। लिहाजा, खांसते या छींकते समय मुंह को ढंकना जरूरी है। साथ ही बार-बार अपने हाथ भी धोते रहना चाहिए।



  • क्या करें- क्या न करें?



    क्या करें?




    • मास्क पहनें और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।


  • बार-बार अपनी आंखों और नाक को छूने से बचें।

  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढंककर रखें।

  • बुखार या बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।



  • क्या न करें?




    • हाथ मिलाने और किसी भी तरह की गेदरिंग से बचें।


  • सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें।

  • डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक या दवा न लें।

  • आसपास या नजदीक बैठकर खाना न खाएं।



  • कितना खतरनाक है ये?




    • ज्यादातर लोग बिना किसी मेडिकल केयर के ही इन्फ्लूएंजा से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये इतना गंभीर हो सकता है कि मरीज की मौत भी हो सकती है।


  • WHO के मुताबिक, हाई रिस्क में शामिल लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने के मामले ज्यादा सामने आते हैं।

  • अनुमान है कि हर साल दुनियाभर में गंभीर बीमारी के 30 से 50 लाख मामले सामने आते हैं। इनमें से 2.90 लाख से लेकर 6.50 लाख मौतें होतीं हैं।


  • जानिए इसके लक्षण बना रहा है बीमार H3N2 वायरस सर्दी-जुकाम ना करें नजरअंदाज know its symptoms H3N2 virus is making you sick Do not ignore cold and flu
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