NEW DELHI. देशभर में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड पर मचे घमासान के बीच अब एक बड़ा अपडेट आया है। कोरोना वैक्सीनेशन वाले सर्टिफिकेट से PM Narendra Modi की तस्वीर हटा दी गई है। दूसरा, मामला भी वैक्सीनेशन ही जुड़ा है। कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। ( Covid Vaccine Certificate )
अब समझिए तस्वीर वाली कहानी
दरअसल, कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार ने देशभर में वैक्सीनेशन ड्राइव चलाकर लोगों को टीके लगाए थे। सरकार ने लोगों को इसके सर्टिफिकेट भी जारी किए, जिनमें पीएम मोदी की तस्वीर थी। अब दावा किया जा रहा है पोर्टल पर जो सर्टिफिकेट हैं, उनमें से मोदी की तस्वीर हटा ली गई है।
सोशल मीडिया पर अनेक सर्टिफिकेट
इसे लेकर संदीप मनुधाने नाम के एक शख्स की पोस्ट वायरल हो रही है। संदीप ने सोशल मीडिया साइट एक्स X पर कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि इस पर से मोदी की फोटो हटा दी गई है।
उन्होंने आगे लिखा कि "मोदी जी अब कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट पर नजर नहीं आ रहे हैं। इसे चेक करने के लिए अभी वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया, उनकी तस्वीर इस पर से गायब हो चुकी है।" अब सवाल है कि आखिर पीएम की तस्वीर को कोविड सर्टिफिकेट पर से क्यों हटाया गया है? इसे लेकर लोग तरह-तरह की बातें बना रहे हैं।
द सूत्र की पड़ताल
इस मामले को समझने के लिए जब 'द सूत्र' ने पड़ताल की तो पता चला कि लोकसभा चुनाव से पहले आचार संहिता लागू होने पर PM मोदी की तस्वीरों को सरकारी वेबसाइटों से हटा लिया गया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अफसरों ने भी सर्टिफिकेट से फोटो हटने के पीछे आचार संहिता का हवाला दिया है।
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पहले भी हटाई जा चुकी है तस्वीर
हालांकि, ये पहला मौका नहीं है, जब मोदी की तस्वीर को सर्टिफिकेट से हटाया गया है। वर्ष 2022 में जब यूपी, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी सर्टिफिकेट से मोदी की तस्वीर हटाई गई थी।
एस्ट्राजेनेका ने कई देशों में बनाई है वैक्सीन
अब आते हैं दूसरे मामले पर...। क्या है कि कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वैक्सीन के साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया जैसे नामों से दुनियाभर में बेचा गया था। भारत में इसे कोविशील्ड के नाम से बनाया और बेचा गया।
भारत में भी उठी जांच की मांग
अब एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) के खुलासे के बाद भारत में इसकी जांच की मांग उठी है। लाइव लॉ की रिपोर्ट कहती है कि वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में वैक्सीन की जांच की मांग को लेकर याचिका लगाई है। इसमें तिवारी ने यह भी मांग की है कि इस वैक्सीन से किसी को नुकसान हुआ है तो उसे मुआवजा देने का सिस्टम बनाया जाए। आपको बता दें कि भारत में कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। देशभर में कोविशील्ड के 175 करोड़ से अधिक टीके लगाए गए हैं।