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Supreme Court order on NEET undergraduate course vacant seats Photograph: (the sootr )
सुप्रीम कोर्ट ने भारत में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए कदम उठाया। कोर्ट ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) को निर्देश दिया। NEET स्नातक कोर्स की खाली मेडिकल सीटों को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग राउंड आयोजित करने को कहा। यह आदेश लखनऊ मेडिकल कॉलेज बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में दिया गया। कोर्ट ने सुनिश्चित किया कि एक भी सीट बर्बाद न हो। न्यायालय चाहता है कि योग्य उम्मीदवारों को हर हाल में अवसर मिले। यह कदम चिकित्सा शिक्षा सुधार की दिशा में अहम है।
विशेष काउंसलिंग राउंड का आदेश
भारत में डॉक्टरों की भारी कमी के मुद्दे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एमसीसी को स्पेशल काउंसलिंग राउंड आयोजित करने का आदेश दिया है। साथ ही ये भी कहा है कि हर हाल में 30 दिसंबर 2024 से पहले एडमिशन प्रक्रिया पूरी करें। यह फैसला तब लिया गया जब पांचवें राउंड के बाद भी कई मेडिकल सीटें खाली रह गईं। कोर्ट ने कहा कि इन सीटों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सके।
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वेटलिस्टेड उम्मीदवारों को मिलेगा अवसर
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह विशेष काउंसलिंग राउंड केवल प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों के लिए होगा। इसका उद्देश्य रिक्त सीटों को भरने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करना है, बिना पहले से किए गए दाखिलों को प्रभावित किए। साथ ही, सभी दाखिले राज्य प्रवेश प्राधिकरणों के माध्यम से किए जाएंगे ताकि प्रक्रिया में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
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एनआरआई सीटों का सामान्य श्रेणी में परिवर्तन
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि खाली एनआरआई सीटों को सामान्य श्रेणी में बदल दिया जाए। इन्हें भी राज्य प्रवेश प्राधिकरणों के माध्यम से भरा जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये सीटें भी योग्य भारतीय उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हों और इनका अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
सरकार से गंभीर कदम की अपेक्षा
यह आदेश सरकार और संबंधित अधिकारियों को संदेश देता है कि डॉक्टरों की कमी को दूर करने और चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए गंभीर कदम उठाए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह सुनिश्चित होता है कि खाली सीटों का कोई अवसर न छूटे और देश भर में अधिक से अधिक योग्य डॉक्टरों की नियुक्ति हो।
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