पीने के लिए है पानी, इसके अलावा ये किया तो लगेगा बड़ा जुर्माना!

Drinking Water Crisis को लेकर पर कर्नाटक अर्बन वाटर सप्लाई एंड ड्रेनेज बोर्ड (KUWSDB) ने एक आदेश जारी कर दिया है। अब पानी का घरेलू के अलावा अन्य इस्तेमाल होगा तो दोषी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

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Dr Rameshwar Dayal
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Bangaluru. पानी की समस्या ( Drinking Water Crisis ) से जुझते बेंगलुरु शहर को इस दिक्कत से बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक कड़ा निर्णय लिया है। अब अगर घरेलू उपयोग के अलावा पानी का कार धोने, बागवानी व अन्य कामों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो ऐसे लोगों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वैसे इस तरह के जुर्माने का निर्णय दिल्ली (Delhi) में भी लिया गया था, लेकिन लोगों के विरोध के बाद इसे वापस लिया था। 

दुरुपयोग रोकने के लिए होगा टीमों का गठन

इस मसले पर कर्नाटक अर्बन वाटर सप्लाई एंड ड्रेनेज बोर्ड (KUWSDB) ने एक आदेश जारी कर दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पानी के दुरुपयोग पर पहले भी जुर्माने का प्रावधान है और कभी-कभी इसका इस्तेमाल भी किया जाता है। लेकिन अब नियम बना दिया गया है कि पानी का घरेलू के अलावा अन्य इस्तेमाल होगा तो दोषी पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इनमें कार की धुलाई (Car Wash) करने बागवानी, (Gardning), विभिन्न प्रकार के निर्माण (Construction), पानी का फौहारा (Water Fountain) आदि शामिल है। विभाग के अनुसार इस आदेश को कड़ाई से लागू करने के लिए शहर में टीमों का गठन किया जा रहा है, ताकि वे मौके पर ही लोगों से जुर्माना वसूल करें।

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मोटा बजट उसके बावजूद भी जल संकट

गौरतलब है कि गर्मी शुरू होते ही हाईटेक सिटी बेंगलुरु में पानी की समस्या पैदा हो जाती है। हालात इतने गंभीर हो जाते हैं कि सीएम आवास को भी जल संकट का सामना करना पड़ जाता है। पानी के टैंकरों से सप्लाई के बावजूद लाखों लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। टैकरों से पानी की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने टैंकरों के रजिस्ट्रेशन के आदेश भी जारी कर दिए हैं और कहा कि ऐसा न करने पर टैकरों को मौके पर ही जब्त कर लिया जाएगा। वैसे शहर को जल संकट से बचाने के लिएसरकार ने 556 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, इसके बावजूद समस्या जस की तस कायम है। गौरतलब है कि देश ही राजधानी दिल्ली में भी कांग्रेस की पूर्व शीला दीक्षित सरकार ने पानी के दुरुपयोग रोकने पर जुर्माने का प्रावधान किया था, लेकिन लोगों के विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया था।

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