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NCERT प्रमुख दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि 'भारत बनाम इंडिया' इन शब्दों पर बहस बेकार है, क्योंकि परिषद को भारत या इंडिया दोनों में से किसी शब्द से कोई ऐतराज नहीं है।
NCERT के सिलेबस और किताबों में कुछ चैप्टर बदलाव को लेकर जारी बहस के बीच इंडिया बनाम भारत विवाद भी शुरू हो गया है। हालांकि, इस पूरे विवाद पर विराम लगाते हुए एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि NCERT की किताबों में "भारत" और "इंडिया" दोनों का इस्तेमाल किया जाएगा। ये दोनों ही शब्द संविधान में देश के लिए इस्तेमाल किया गया है। परिषद को भारत या इंडिया दोनों में से किसी शब्द से कोई ऐतराज नहीं है।
जानें कब से शुरू हुई ये बहस
NCERT ने तब कहा था कि समिति की सिफारिशों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। भारत नाम पहली बार आधिकारिक तौर पर पिछले साल सामने आया था, जब सरकार ने जी-20 के निमंत्रण को प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम से भेजा था।
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बाद में, नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नामपट्टिका पर भी इंडिया के स्थान पर भारत लिखा हुआ दिखायी दिया।
NCERT एक बार फिर विवाद के केंद्र में है, क्योंकि कक्षा 12 की संशोधित राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बाबरी मस्जिद का उल्लेख नहीं किया गया है, बल्कि उसे तीन गुंबद वाली संरचना बताया गया है।
वहीं कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की नयी पाठ्यपुस्तक में अब कहा गया है कि राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यक समूह के हितों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे अल्पसंख्यक तुष्टीकरण होता है। India vs BHARAT | NCERT डायरेक्टर | NCERT BOOK NEW SYLLABUS
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