Electoral Bond : मोटा दान देने वाले तो छुपे-रुस्तम निकले

विशेष बात यह है कि प्रमुख विपक्षी दल विशेषकर कांग्रेस जिन कंपनियों पर आरोप लगा रहे थे कि बीजेपी इनकी खूब मदद कर रही है और वे बीजेपी को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लाभ पहुंचा रहे हैं, वे कंपनियां इस लिस्ट से गायब हैं।

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Dr Rameshwar Dayal
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NEW DELHI: इलेक्टोरल बॉन्ड ( electoral bond ) के जरिए राजनीतिक दलों ( political parties ) को चंदा देने वाली कंपनियों व संस्थाओं का अब पूरी तरह चीर-फाड़ हो चुकी है और इस बात की पूरी जानकारी मिल गई है कि किस कंपनी ने कौन सी पार्टी को सबसे अधिक चंदा दिया। जिन नामी कंपनियों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, वह कंपनियां इस लिस्ट से गायब हैं। यानि उन्होंने बॉन्ड के जरिए चंदा नहीं दिया। लेकिन जो जानकारी आ रही है, वह खासी हैरानी करने वाली है। सबसे बड़ी हैरानी तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) को मिलने वाले चंदे की हो रही है। इसे कांग्रेस ( congress) से ज्यादा चंदा मिला, जबकि इसकी एक ही राज्य में सरकार है। टीएमसी को कंपनियों से मिला चंदा भी ‘चमत्कृत’ करने वाला है। 

तीन बड़े इन दलों को मिला मोटा चंदा

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और लगातार डांट के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने तीन किश्तों में चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा खाका उपलब्ध करा दिया। इस डेटा में अब यह साफ पता चल गया है कि किस कंपनी ने कौन सी राजनीतिक पार्टी को सबसे अधिक दान दिया। मोटे तौर बीजेपी को सबसे अधिक दान मिला ओर उसके शीर्ष डोनेटर्स ने 2,123 करोड़ का चंदा उसे दिया। दूसरी नंबर पर टीएमसी को शीर्ष दस दानदाताओं ने 1,198 करोड़ रुपए दिए तो तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस को शीर्ष डोनर्स ने 615 करोड़ रुपये का चंदा सौंपा।

मेघा इंजीनियरिंग ने बीजेपी, टीएमसी को फ्यूचर गेमिंग से मिला मोटा चंदा

 अब हम आपको इन तीन पार्टियों की वह जानकारी बताते हैं कि बड़ी किन कंपनियों ने उन्हें कितना-कितना चंदा दिया। विश्लेषण में जो जानकारी निकलकर आई है, उनमें बीजेपी को सबसे अधिक चंदा 584 करोड़ रुपये मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर ने दिया। उसके बाद 375 करोड़ रुपए क्विक चेन प्राइवेट लिमिटेड, भारती एयरटेल ने 197 करोड़ रुपए और मदनलाल लिमिटेड ने 176 करोड़ रुपए के रूप में बीजेपी को बॉन्ड सौंपे। टीएमसी को सबसे अधिक चंदा 692 करोड़ रुपए फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज से मिले। पहले कहा गया था कि इस कंपनी ने सबसे अधिक चंदा दक्षिण भारत की राजनीतिक पार्टी डीएमके ( DMK ) को दिया है, क्योंकि कंपनी भी साउथ इंडिया की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।  टीएमसी को दूसरे नंबर पर चंदा 362 करोड़ रुपए हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ने दिए।, जबकि धारीवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर से 90 करोड़, एमकेजे इंटरप्राइजेज और एवेज ट्रेडिंग ने 45-45 करोड़ रुपए का चंदा टीएमसी को दिया।

एमकेजे इंटरप्राइजेज ने कांग्रेस को दिया सबसे ज्यादा चंदा

चंदा मिलने के मामले में अगर देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की बात करें तो उसे एमकेजे इंटरप्राइजेज ने सबसे ज्यादा 138 करोड़ रुपए, उसके बाद वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 110 करोड़, 64 करोड़ रुपए यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, एवीस ट्रेडिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने 53 करोड़ रुपए दिए। इन तीन बड़ी पार्टियों के बाद चंदा मिलने वाले अन्य दलों में बीआरएस, बीजेडी, डीएमके, वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी, शिवसेना व लालू यादव की पार्टी आरजेडी शामिल है।

चंदे की लिस्ट में देश की नामी कंपनियां गायब हैं

विशेष बात यह है कि प्रमुख विपक्षी दल विशेषकर कांग्रेस जिन कंपनियों पर आरोप लगा रहे थे कि बीजेपी इनकी खूब मदद कर रही है और वे बीजेपी को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लाभ पहुंचा रहे हैं, वे कंपनियां इस लिस्ट से गायब हैं। जिन कंपनियों के नाम उभरकर सामने आए हैं, उनमें से अधिकतर नामी कंपनियां नहीं हैं ओर ज्यादातर का कारोबार राज्य विशेष में ही हो रहा था। दूसरी ओर स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनाम देकर स्पष्ट कर दिया है कि अब उसके पास बॉन्ड से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। वह सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे चुका है।

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