देश के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड ( electoral bonds ) का मसला खासा दिलचस्प बना हुआ है और माना जा रहा है कि यह लोकसभा चुनाव ( loksabha election ) में हार-जीत को प्रभावित कर सकता है। इसी को ध्यान में रखते राजनीतिक पार्टियां खुद ही बता रही हैं कि उन्हें करोड़ों रुपये के बॉन्ड कैसे मिले। जेडीयू ( JDU ) का कहना है कि कोई अनाम बंदा 10 करोड़ का सीलबंद लिफाफा उनके ऑफिस में छोड़ गया तो समाजवादी पार्टी ( SP ) का कहना है कि उसे डाक के जरिए 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले। खास बात यह है कि बॉन्ड से सबसे अधिक चंदा पानी वाली बीजेपी और तृणमूल ने इस मसले पर अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है।
जेडीयू का खुलासा काफी रोचक
इस बात की पूरी संभावना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला चुनावी चंदा लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है। उसका कारण है कि इसके जरिए विभिन्न कंपनियों व संस्थाओं ने राजनीतिक पार्टियों को करोड़ों रुपये दिए हैं। जब इस मामले का खुलासा भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) और चुनाव आयोग ( ECI ) ने करना शुरू किया तो कुछ राजनीतिक पार्टियों ने खुद ही बताना शुरू कर दिया कि उन्हें बॉन्ड किसने दिए और इसकी प्राप्ति उन्हें कैसे हुई। इस खुलासे में जेडीयू के खुलासे काफी रोचक व सबसे हटकर हैं।
लिफाफे में बॉन्ड का एक गुच्छा मिला
बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जेडीयू का कहना है कि 3 अप्रैल 2019 को कोई व्यक्ति पटना में स्थित पार्टी कार्यालय आया और एक सीलबंद लिफाफा दिया। इसे खोलने पर इसमें चुनावी बांड का एक गुच्छा मिला, जिसमें प्रत्येक एक करोड़ रुपये के 10 बांड थे। हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि यह किस व्यक्ति या कंपनी ने दिया है। उसने चुनाव आयोग को जानकारी दी कि बॉन्ड को चुनावी चंदे के रूप में भुनाकर उसे जेडीयू के बैंक खाते में जमा कर दिया गया। हमें बस यह जानकारी मिली है कि यह बॉन्ड कि हैदराबाद और पटना से जारी हुए हैं। पार्टी ने यह भी जानकारी दी कि उसे उसे कुल 24 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड मिले हैं। इनमें से एक करोड़ रुपये भारती एयरटेल और दो करोड़ रुपये के बांड के बॉन्ड श्री सीमेंट ने दिए हैं।
सपा ने कहा, उसे डाक से मिले 10 करोड़
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की मजबूत राजनीतिक पार्टी में से एक समावादी पार्टी ने भी चुनाव आयोग को जानकारी दी है कि उसे 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड डाक के जरिए मिले हैं और देने वाले की जानकारी उसके पास नहीं है। वैसे जानकारी के अनुसार अखिलेख यादव के नेतृत्व वाली इस पार्टी को करीब 14 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। पार्टी ने यह भी बताया कि उसे बॉन्ड के रूप में चंदा देने वालों में एसके ट्रेडर्स, सैन ब्रेवरेजज, बीजी ट्रेडर्स आदि शामिल हैं। विशेष बात यह है कि चंदा पाने वाली सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक चंदा देने वाली पार्टियों का खुलासा नहीं किया है।