चंद्रयान-3 के इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली, फिर भी समय से पहले लॉन्च पैड बनाकर दिया

author-image
Chakresh
एडिट
New Update
चंद्रयान-3 के इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली, फिर भी समय से पहले लॉन्च पैड बनाकर दिया

Sriharikota. भारत को दुनिया में बड़ी उपलब्धि दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं, बावजूद केंद्र सरकार उनकी मदद को आगे नहीं आ रही है। इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग करके इतिहास बनाया है, लेकिन लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है। वे अपना घर रिश्तेदारों से उधार पैसा लेकर चला रहे हैं। हाल ऐसे हैं कि उन्हें अपने पीएफ का पैसा निकालना पड़ रहा है। मामले में केंद्र सरकार रवैया भी सहयोगात्मक नहीं है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी IANS ने दी है। 



इसरो के ऑर्डर पर मोबाइल लॉन्चिंग पैड बनाए 

न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार, रांची में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) के इंजीनियर्स ने ही इसरो के ऑर्डर पर मोबाइल लॉन्चिंग पैड बनाए हैं। इस कंपनी में करीब 2,700 कर्मचारियों और 450 अधिकारी काम करते हैं। इसरो ने झारखंड के रांची में स्थित HEC कंपनी को मोबाइल लॉन्चिंग पैड सहित कई उपकरण बनाने का ऑर्डर दिया था, लेकिन ऑर्डर के हिसाब से भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद कंपनी ने दिसंबर 2022 में तय समय से पहले इसरो का ऑर्डर पूरा कर दिया था।



कर्मचारी बोले- रिश्तेदारों से उधार लेकर घर चला रहे

कर्मचारियों के वेतन से जुड़े मामले को लेकर मई 2023 में फ्रंटलाइन नाम की इंग्लिश वेबसाइट ने खबर चलाई थी। इसमें बताया गया था कि कर्मचारी अपना घर चलाने के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) का पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं। कई कर्मचारी रिश्तेदारों से उधार लेकर जीवन-यापन कर रहे हैं।



कई एक हजार करोड़ मांगे, पर केंद्र सरकार मदद के लिए तैयार नहीं

न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एचईसी कंपनी कई बार मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री से 1,000 करोड़ रुपए के लिए निवेदन कर चुकी है। इस पर मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार कोई मदद नहीं कर सकती।



चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा, 40 दिन में चांद पर लैंडिग करेगा

इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया। 16 मिनट बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा। चांद पर इसकी लैंडिग 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे होगी।



भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा

इसरो ने 2008 और 2019 में चंद्रयान को चांद पर उतारना चाहा, लेकिन भारत को असफलता मिली। अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं। इसरो इस मिशन के तहत चांद में रासायनिक तत्वों, मिट्टी और पानी को लेकर जानकारी जुटाना चाहता है।

 


Launch pad of Chandrayaan-3 made Chandrayaan-3 launch through rocket from Sriharikota Financial crisis on employees Engineers did not get salary for 17 months चंद्रयान-3 का लॉन्च पैड बनाया श्रीहरिकोटा से रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 लॉन्च कर्मचारियों पर वित्तीय संकट चंद्रयान-3 के इंजीनियर्स को इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली