NEW DELHI. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अडाणी ग्रुप के शेयरों में हालिया गिरावट के बावजूद निवेश करना जारी रखा है। करीब 27.73 करोड़ भारतीयों के रिटायरमेंट-बचत को मैनेज करने वाले इस संस्था ने अडाणी ग्रुप के दो शेयरों-अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी पोर्ट्स में निवेश करना जारी रखा है। एक मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। बता दें कि अडाणी ग्रुप के शेयरों में एक अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म की रिपोर्ट आने के बाद पिछले 2 महीनों में तगड़ी गिरावट आई है। द हिंदू में 27 मार्च को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ईपीएफओ इन दोनों ही कंपनियों में कैप्टिव निवेशक है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दोनों स्टॉक निफ्टी का हिस्सा हैं जिन्हें ईपीएफओ प्रबंधित फंड द्वारा ट्रैक किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 8,000 करोड़ का निवेश किया है
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईपीएफओ अपने कॉर्पस का 15 फीसदी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करता है। मार्च 2022 तक उसने ईटीएफ में 1.57 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। रिपोर्ट के मुताबिक इसने वित्त वर्ष 2023 में और 8,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी के अंत में अडाणी समूह पर अपने स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए हेरफेर करने और गलत तरीके अपनाने का आरोप लगाया था। गौतम अडाणी की अगुवाई वाले ग्रुप ने सभी आरोपों का खंडन किया, लेकिन इसने अपने शेयरों की गिरावट को रोकने के लिए बहुत कम किया।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बड़े निवेशकों ने खरीद-फरोख्त बंद कर दी थी
बता दें कि जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद कई बड़े निवेशकों ने अडाणी समूह की कंपनियों में शेयरों की खरीद-फरोख्त बंद कर दी है, लेकिन देश के बड़े फंड में से एक ईपीएफओ ने अडाणी की दो कंपनियों के शेयरों में निवेश करना जारी रखा है। इसमें प्रमुख रूप से अदानी इंटरप्राइजेज भी शामिल है।
The #EPFO continues to invest in #AdaniEnterprises & #AdaniPorts even after the port-to-energy conglomerate’s stocks were pounded rout following a damaging short-seller report.
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— Moneycontrol (@moneycontrolcom) March 27, 2023
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ब्लूमबर्ग की टॉप 10 धनवानों की लिस्ट से बाहर हो चुके हैं अडाणी
चिंता की बात यह है कि Hindenberg की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट देखी गई है। खुद गौतम अडाणी ब्लूमबर्ग की टॉप 10 धनवानों की लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। इसके बावजूद भारत के सबसे बड़े रिटायरमेंट फंड-कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस साल कम से कम सितंबर तक अडाणी ग्रुप में निवेश करना जारी रखेगा। इस फैसले में तभी बदलाव होगा, जब इसके ट्रस्टी अपने निवेश के दृष्टिकोण पर दोबारा कोई फैसला नहीं लेते। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईपीएफओ सब्स्क्राइबरों के पास निफ्टी 50 और सेंसेक्स में निवेश के अलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है क्योंकि इसका प्रबंधन ईपीएफओ संभालता है। निवेश से जुड़े फैसले ईपीएफओ ट्रस्टी ही लेते हैं।
इधर... राहुल गांधी ने पूछा प्रधानमंत्री जी, न जांच न जवाब! आखिर इतना डर क्यों
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि LIC, SBI और EPFO की पूंजी अडाणी को दी जा रही है, लेकिन इसे लेकर न तो कोई जांच की जा रही है, न ही कोई जवाबदेही है। आखिर पीएम मोदी को इतना डर क्यों हैं? दरअसल, राहुल गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। जिसमें कहा गया था कि ईपीएफओ सब्सक्राइबर भी अडानी के दो शेयरों के 'कैप्टिव निवेशक' हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा कि जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि ‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी ये क्यों हो रहा है। राहुल ने पूछा प्रधानमंत्री जी, न जांच... न जवाब! आखिर इतना डर क्यों हैं?
LIC की पूंजी, अडानी को!
SBI की पूंजी, अडानी को!
EPFO की पूंजी भी, अडानी को!
‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी, जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है?
प्रधानमंत्री जी, न जांच, न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 27, 2023
ईपीएफओ में 27.73 करोड़ कर्मचारियों का 13 लाख करोड़ का फंड
ईपीएफओ एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जिसके 6 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं और उसके पास लगभग 13 लाख करोड़ रुपए का फंड है। ईपीएफओ अपनी निवेश रणनीति के तहत निफ्टी 50 और सेंसेक्स के इंडेक्स में निवेश करता है। इन्हें भारतीय शेयर बाजार का बेंचमार्क माना जाता है। इन सूचकांकों में अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अडाणी एंटरप्राइजेज भी शामिल हैं। ईपीएफओ 27.73 करोड़ औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों की वृद्धावस्था बचत का प्रबंधन करता है और अपने कॉर्पस का 15% एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करता है।
ईपीएफओ देश का सबसे बड़ा रिटायरमेंट फंड है
यह रिपोर्ट ऐसे दिन आई है, जब ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की आज से 2 दिवसीय बैठक शुरू हो रही है। इस बैठक में सैलरीपेशा लोगों के पेंशन बढ़ाने, वित्त वर्ष 2023 के लिए ब्याज दर और सालाना फाइनेंशियल एस्टिमेट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। ईपीएफओ देश का सबसे बड़ा रिटायरमेंट फंड है। ऐसे में इसकी ट्रस्टी के बैठक की पर सबकी निगाहें टिकी होती हैं। द हिंदू ने कहा कि अदाणी ग्रुप के इन दोनों शेयरों में ईपीएफओ तब तक निवेश करना जारी रखेगा, जब तक कि ट्रस्ट बैठक के दौरान इसके खिलाफ फैसला नहीं करता।
अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट के बाद, एक्सपर्ट्स ने EPFO से उसके निवेश से जुड़े फैसलों में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की। कुछ लोगों ने लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देने के लिए निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने का भी सुझाव दिया है।