EPFO मेंबर्स को मिलता है 7 लाख तक का बीमा मुफ्त में, जानिए कैसे करें क्लेम

EPFO की ओर से कर्मचारियों को 7 लाख तक का फ्री बीमा दिया जाता है, लेकिन 7 लाख का क्‍लेम अमाउंट सभी को नहीं दिया जाता। यहां जानिए इसकी सारी कैल्कुलेशन और क्‍लेम करने का तरीका

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Deeksha Nandini Mehra
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EPFO मेंबर्स को 7 लाख तक का बीमा FREE में
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organization )  द्वारा ईपीएफओ मेंबर्स को 7 लाख तक का फ्री बीमा दिया जाता है। इस इंश्‍योरेंस स्‍कीम को एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees Deposit Linked Insurance-EDLI) के नाम से जाना जाता है।

यह स्‍कीम कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए चलाई जाती है। यदि किसी वजह से EPFO मेंबर की मौत हो जाती है तो उसका उत्‍तराधिकारी (नॉमिनी) इस बीमा रकम के लिए क्‍लेम कर सकता है। हालांकि क्‍लेम अमाउंट सभी को नहीं दिया जाता है। यहां जानिए EDLI से जुड़े कुछ नियम और क्‍लेम अमाउंट तय करने का फॉर्मूला...।

बिना प्रीमियम भरे बीमा

प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी के लिए ये बीमा कवर मुफ्त होता है। इस स्‍कीम के लिए योगदान कंपनी की ओर से किया जाता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है। लोगों को PF के पैसे और पेंशन स्‍कीम के बारे में तो पता होता है, लेकिन  EDLI योजना की जानकारी नहीं होती।

इस फॉर्मूले से कैल्कुलेशन

मुफ्त बीमा देने वाली इस स्‍कीम में क्‍लेम अमाउंट की कैल्कुलेशन एक निश्चित फॉर्मूले के तहत तय की जाती है। बीमा राशि पिछले 12 महीनों की बेसिक सैलरी और डीए पर निर्भर करती है। इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना होगा। साथ ही क्लेम करने वाले को 1 लाख 75 हजार 000 तक की बोनस राशि का भुगतान भी किया जाता है। 

ऐसे समझिए 

किसी कर्मचारी की आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA अगर 15000 रुपए है तो इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट (35 x 15,000) + 1,75,000= 7,00,000 रुपए होगा। 

ऐसे करें क्‍लेम

यदि EPF सब्सक्राइबर की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए नॉमिनी की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। इससे कम होने पर उसकी तरफ से अभिभावक क्‍लेम कर सकते हैं। क्‍लेम करते समय मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट जैसे डॉक्‍यूमेंट्स की जरूरत होती है। अगर दावा माइनर के अभिभावक की ओर से किया जा रहा है तो गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डीटेल्‍स देने होंगे।

ईडीएलआई से जुड़े नियम

  • कवरेज की अवधि: एक ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) सदस्य ईडीएलआई योजना के तहत तब तक कवर किया जाता है, जब तक वह नौकरी में है। नौकरी छोड़ने के बाद, सदस्य के परिवार, उत्तराधिकारी और नॉमिनी इस योजना के तहत लाभ का दावा नहीं कर सकते।
  • लाभ की राशि: यदि एक ईपीएफओ सदस्य ने लगातार 12 महीनों तक नौकरी की है, तो उसकी मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी को न्यूनतम 2.5 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।
  • दावे की शर्तें: नौकरी के दौरान, कर्मचारी की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु के मामले में ईडीएलआई के तहत दावा किया जा सकता है।
  • नॉमिनी और लाभार्थी: यदि ईडीएलआई योजना के तहत कोई नामांकन नहीं किया गया है, तो मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, अविवाहित बेटियां और नाबालिग बेटे लाभार्थी माने जाते हैं।
  • दावा प्रक्रिया: पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए, बीमा कवर के फॉर्म 5 आईएफ के साथ निकासी फॉर्म को नियोजक के पास जमा करना होता है। नियोजक इन फॉर्मों को सत्यापित करता है।

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