UPSC में 184वीं रैंक पर हक जमाने वाली आयशा मकरानी का दावा झूठा, जाली दस्तावेज बनाए

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Jitendra Shrivastava
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UPSC में 184वीं रैंक पर हक जमाने वाली आयशा मकरानी का दावा झूठा, जाली दस्तावेज बनाए

BHOPAL. संघ लोक सेवा आयोग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है और बताया है कि आयशा मकरानी ने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं। बता दें कि अमर उजाला ही मामले को सबसे पहले सामने लाया था और पड़ताल में आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड की गलतियां बताई थीं।





यूपीएससी ने आलीराजपुर वाली आयशा का दावा झूठा बताया





मध्यप्रदेश की दो युवतियों के यूपीएससी के 184वीं रैंक पर दावा करने के मामले का पटाक्षेप हो गया है। देवास की आयशा फातिमा को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से सही बताते हुए आलीराजपुर वाली आयशा का दावा झूठा बताया गया है। आयोग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है और बताया है कि आयशा मकरानी ने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं। 





यूपीएससी का सिस्टम मजबूत होने के साथ फुलप्रूफ भी





मंगलवार को यूपीएससी के परिणाम आए थे, जिसमें मध्यप्रदेश की दो आयशा ने 184वीं रैंक पर अपना सिलेक्शन का दावा किया था। मामले में शुक्रवार शाम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है। इसमें बताया गया है कि यूपीएससी के संज्ञान में आया है कि 184वीं रैंक पर फर्जी तरीके से दावा किया जा रहा था। यह दावा झूठा है। दावेदार ने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं। यूपीएससी का सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुलप्रूफ भी है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं।  





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आयशा फातिमा वास्तविक उम्मीदवार हैं





बताया गया कि आयशा मकरानी पुत्री सलीमुद्दीन मकरानी, जो यूपीएससी द्वारा अपनी अंतिम सिफारिश का दावा कर रही हैं, को उनके पक्ष में जाली दस्तावेजों का पता चला है। उसका वास्तविक रोल नंबर 7805064 है। उसने 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर- I में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर- II में 21.09 अंक प्राप्त किए। परीक्षा नियमों की आवश्यकता के अनुसार, उन्हें पेपर- II में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर- II में उत्तीर्ण होने में विफल रही हैं बल्कि, पेपर- I के कट-ऑफ अंकों की तुलना में बहुत कम अंक प्राप्त किए हैं, जो कि वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित वर्ग के लिए 88.22 थे। इसलिए, आयशा मकरानी विफल रही हैं। प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही और परीक्षा के अगले चरणों में आगे नहीं बढ़ सकीं। दूसरी ओर आयशा फातिमा पुत्री श्री नज़ीरुद्दीन, जिनका रोल नंबर 7811744 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्हें यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक हासिल करने की सिफारिश की गई है।





आयोग आयशा मकरानी पर कार्रवाई का विचार कर रहा है





आयोग की तरफ से बताया गया कि आयशा मकरानी ने भारत सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए, परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी उनके खिलाफ उनके धोखाधड़ी कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है। 





आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में तारीख सही दिन गलत





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मामला सामने आने के बाद पड़ताल में आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में कुछ गलतियां दिखीं। आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल लिखी थी और दिन गुरुवार बताया गया था। लेकिन 25 अप्रैल को मंगलवार था। आलीराजपुर वाली आयशा का एडमिट कार्ड सादे कागज पर प्रिंट आउट जैसा लग रहा था। आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में क्यूआर कोड भी नजर नहीं आ रहा था। अब यूपीएससी ने भी आयशा मकरानी के दावे को खारिज कर दिया है। 



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