BARELI. उत्तर प्रदेश के बरेली कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में बयान से पलटने वाली एक युवती को उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितने दिन आरोपी झूठे रेप केस में ( False rape case ) युवक 4 साल कैद में रहा। साथ ही युवती पर 5 लाख 88 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने कानून का दुरुपयोग किया, इस तरह के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती।
2 सिंतबर 2019 को दर्ज हुआ था मुकदमा
सितंबर, 2019 को बारादरी थाने में एक युवक पर युवती के अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। जिस पर पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस पूरे मामले में युवती ने युवक पर नशीला प्रसाद खिलाने और दिल्ली ले जाकर कमरे में बंद कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
झूठी गवाही पर युवती पर मुकदमा
शुरुआती गवाही के बाद युवक को 4 साल की सजा हुई, वो जेल चला गया, लेकिन आगे चलकर युवती इस मामले में गवाही के दौरान अपने बयान से मुकर गई। जिसके चलते कोर्ट ने युवक को दोषमुक्त करार दे दिया। इस पूरे मामले में झूठी गवाही देने के लिए युवती पर मुकदमा दर्ज किया गया। केस की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
कोर्ट ने फैसले के दौरान कहा
मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस तरह की महिलाओं के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। यह समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति है। अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस और कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है। अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने आगे कहा कि यह मुकदमा उन महिलाओं के लिए नजीर बनेगा, जो पुरुषों से वसूली के लिए झूठे मुकदमे लिखाती हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि युवक ने जितने दिन जेल में बिताए, उतने दिन अगर वह मजदूरी करता तो कम से कम 5 लाख 88 हजार रुपए कमा लेता। इसलिए अब युवती से इतना ही जुर्माना वसूलकर उसे (युवक) दिया जाएगा। यदि युवती जुर्माना नहीं दे पाती है तो उसे 6 माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
युवती की मां ने कराया था रेप का मुकदमा दर्ज
इस पूरी घटना के बारे में Assistant District Government Counsel (ADGC) ने बताया कि ये 2019 का मामला है। एक युवती की मां ने रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोपी अजय उर्फ राघव को जेल जाना पड़ा। जेल जाने के बाद जब उसका ट्रायल कोर्ट में चला तब पीड़िता अपने बयानों से मुकर गई। उसने कहा कि युवक मुझे भगाकर नहीं ले गया था। न ही कोई रेप किया था। तब कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया और झूठी गवाही देने के कारण युवती को जेल भेज दिया। साथ ही अभियुक्त राघव को रिहा कर दिया गया। कोर्ट ने युवती को साढ़े चार साल की सजा सुनाई है और जुर्माना भी लगाया है।