मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन का दावा, बांग्लादेश में जल्द लागू होगा शरिया कानून!

बांग्लादेश की मशहूर बांग्लादेश लेखिका और एक्टिविस्ट तस्लीमा नसरीन ने देश में शरिया कानून लागू होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि देश में शरिया कानून लागू होने का सबसे बुरा असर महिलाओं पर पड़ेगा।

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Sourabh Bhatnagar
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बांग्लादेश में जल्द लागू होगा शरिया कानून
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बांग्लादेश ( Bangladesh ) में नई सरकार के गठन के बाद वहां बढ़ रही धार्मिक कट्टरपंथी के बीच की मशहूर बांग्लादेश लेखिका और एक्टिविस्ट तस्लीमा नसरीन  ( Taslima Nasrin ) ने देश में शरिया कानून ( Sharia law ) लागू होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि देश में शरिया कानून लागू होने का सबसे बुरा असर महिलाओं पर पड़ेगा और इसके बाद उनके अधिकार भी छीन लिए जाएंगे। आपको बता दें कि तस्लीमा कई सालों से भारत में निर्वासित जीवन जी रहीं। उनके खिलाफ बांग्लादेश में फतवा जारी किया गया है।

छीने जाएंगे महिलाओं के अधिकार 

लेखिका नसरीन ने दावा किया है कि बांग्लादेश में जल्द शरिया कानून लागू होने के बाद देश में महिलाओं के अधिकारों को उनसे छीन लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई विश्वविद्यालयों में हिजाब, और बुर्का पहनना ड्रेस कोड के रूप में पेश किया गया है और लड़कियों इसका पालन करने के लिए बोला गया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों ने पहले ही इस्लामी ड्रेस कोड पर आदेश जारी करना शुरू कर दिया है।

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बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने बनाई अपनी जगह

तसलीमा का मानना है कि मोहम्मद यूनुस ( Muhammad Yunus ) के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बांग्लादेश के मौजूदा हालातों में आग में घी डालने का काम करेगी। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ( Sheikh Hasina ) के सत्ता से बाहर होने के बाद हुई हिंसा को लेकर सरकार का रुख नरम दिखा और हिंसा को जश्न के तौर पर पेश किया गया। उन्होंने कि वहां के मंदिरों में तोड़फोड़ की गई, संग्रहालयों में मूर्तियों को तोड़ा गया और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। तसलीमा ने दावा किया है कि  कट्टरपंथियों ने देश के लोगों से भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने को कहा है।

बांग्लादेश में नहीं है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

तसलीमा ने बांग्लादेश के बदलते हालातों पर कहा है कि वहां लगातार मानव अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है और अभिव्यक्ति की कोई स्वतंत्रता नहीं है। तसलीमा ने बताया कि हिज्ब उत-तहरीर, जमात-ए-इस्लामी और कट्टरपंथी छात्र हर दिन वहां मजबूत होते जा रहे हैं। तसलीमा ने दावा किया है कि वहां के  लेखकों की हत्या के लिए इन संगठनों के कई सदस्यों को जेल भेजा गया था लेकिन अब उन्हें रिहा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये सब चीजें बताती हैं कि  देश का भविष्य क्या होगा।

आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वहां के हालातों पर नज़र रखने के लिए एक समिति का गठन किया है।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) ने बताया था कि यह समिति वहां रह रहे भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में अधिकारियों के संपर्क में रहेगी।

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