122 वर्षों में सबसे ज्यादा गर्म रहा फरवरी माह, फरवरी-मार्च में ही बनी मई-जून वाली स्थिति, स्वास्थ्य विभाग ने की एडवाइजरी जारी

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The Sootr
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122 वर्षों में सबसे ज्यादा गर्म रहा फरवरी माह, फरवरी-मार्च में ही बनी मई-जून वाली स्थिति, स्वास्थ्य विभाग ने की एडवाइजरी जारी

NEW DELHI. इस साल फरवरी में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। फरवरी महीने में दिन में औसत तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 122 वर्षों में सबसे ज्यादा है। फरवरी माह में मौसम विभाग ने गर्मी बढ़ने की दो वजहें बताई है। पहली इस माह में कम बारिश हुई है।  इस साल जनवरी और फरवरी महीने में देश के 264 जिलों में बारिश नहीं हुई और केवल 54 जिलों में ही सामान्य बारिश हुई। बारिश होने से तापमान घटता है, लेकिन फरवरी महीने में पिछले वर्षों की तुलना में कम बारिश हुई इसलिए तापमान बढ़ गया। दूसरी आसमान का साफ होना। जब आसमान में बादल नहीं होते यानी आसमान साफ होता है। तब सूर्य की किरणें बिना किसी रुकावट के सीधे जमीन पर पड़ती हैं, जिससे गर्मी बढ़ती है और फरवरी महीने में बादल कम बने, बारिश कम हुई और आसमान साफ रहा इसलिए गर्मी और बढ़ी। 



हृदय रोग से जुड़े लोगों ​की नियमित जांच होनी चाहिए 



बढ़ती गर्मी के साथ कई तरह की बीमारियां भी बढ़ती हैं। इसीलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने  गाइडलाइन जारी की है। विभाग ने गर्मी में उन लोगों को ज्यादा सावधान रहने को कहा है, जिन्हें हृदय से जुड़ी कोई बीमारी है। मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि हृदय रोग से जुड़े लोगों की लिस्ट बनाएं, उन्हें नियमित जांच कराने को कहें, क्योंकि आने वाले दिनों में हीटवेव बढ़ेगी, तो हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ेंगे।



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मार्च के महीने में हीटवेव से बढ़ेगी भयंकर परेशानी



मौसम विभाग के अनुसार मार्च महीने में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में  औसत तापमान 40 से 42 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं, मार्च के महीने में भयंकर हीटवेव या लू लोगों को परेशान कर सकती है। सामान्य तौर पर उत्तर भारत में हीटवेव का असर मई-जून के महीने में देखा जाता है, लेकिन इस बार मई-जून वाली स्थिति फरवरी-मार्च में ही बन रही है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि मौसम में ये बदलाव क्यों हो रहा है और आखिर इस साल फरवरी में ही इतनी गर्मी क्यों पड़ी?



मध्यप्रदेश के कई शहरों में चलेगी लू



मध्यप्रदेश में मार्च के महीने में ही तेज गर्मी पड़ना शुरू हो गई है। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बूंदाबांदी और बादल छा रहे थे, इस बूंदाबंदी का प्रभाव शुक्रवार (3 मार्च) को कम पड़ता दिखाई दे रहा है। प्रदेश के कई शहरों में दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्यप्रदेश में मार्च के दूसरे पखवाड़े में तेज गर्मी शुरू हो जाएगी। इस बार मार्च खूब तपेगा। वहीं इस महीने में प्रदेश कई जिलों में लू भी चलेगी। लोगों के इस बार तेज गर्मी का सामना करना पड़ेगा।

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 3 मार्च से आसमान साफ होने से तापमान में बढ़ोतरी होगी। मार्च के पहले पखवाड़े में अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 37 से 39 डिग्री तक पहुंच जाएगा। वहीं, 16 मार्च से तापमान में बढ़ोतरी होगी और प्रदेश के कई जिलों में 40-42 डिग्री तक तापमान जाएगा। वहीं मार्च के महीने में रात का तापमान 26 डिग्री के पार पहुंच जाएगा। 






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