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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में FIITJEE कोचिंग के मालिक डीके गोयल के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। छापेमारी FIITJEE कोचिंग के मालिकों और प्रमोटर्स से जुड़े ठिकानों पर की गई है। ED ने यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश और दिल्ली में दर्ज कई FIRs के बाद की है।
FIITJEE के मालिकों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
FIITJEE के मालिकों और प्रमोटर्स पर आरोप है कि उन्होंने कोचिंग सेंटर से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया और उन पैसों को अन्य कंपनियों में निवेश कर दिया। जनवरी 2025 में, कई FIITJEE सेंटर अचानक बिना किसी सूचना के बंद हो गए थे, जिससे छात्रों और उनके परिवारों में चिंता का माहौल पैदा हो गया था।
बिना सूचना के बंद हुए सेंटर
ED के अनुसार, इन सेंटरों के बंद होने से पहले कई पैरेंट्स ने पूरे साल की फीस पहले ही जमा कर दी थी, लेकिन उन्हें सेंटर बंद होने की जानकारी नहीं दी गई। इस कारण करीब 12 हजार छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया। अब ED इस मामले की गहरी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पैसों का गलत इस्तेमाल कैसे और क्यों किया गया।
ED की तलाशी अभियान
प्रवर्तन निदेशालय ने अब इस मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं के घरों पर भी तलाशी ली है, जिसमें FIITJEE के प्रमोटर डीके गोयल का घर और कुछ ऑफिस शामिल हैं। ED का मानना है कि कोचिंग सेंटर से जुटाए गए पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि किस प्रकार से पैसों का गलत प्रवाह हुआ और किन-किन व्यक्तियों और कंपनियों को इसका लाभ हुआ।
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अभिभावकों ने लगाए गए गंभीर आरोप
FIITJEE के अचानक बंद होने के बाद अभिभावकों ने गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि संस्थान ने पहले 5-6 लाख रुपये फीस ली और फिर अचानक कोचिंग सेंटर बंद कर दिया। इसके बाद रातों-रात टीचर्स ने इस्तीफा दे दिया और छात्रों की पढ़ाई रुक गई। इसके बावजूद, कुछ अभिभावकों ने यह आरोप लगाया कि उसी सेंटर को एक फ्रेंचाइजी के जरिए फिर से शुरू किया गया, जिससे अभिभावक और अधिक नाराज हो गए हैं।
FIITJEE कोचिंग ने भोपाल-इंदौर के पेरेंट्स के भी करोड़ों रुपए ऐंठे
कुछ समय पहले भोपाल और इंदौर के अभिभावकों ने भी FIITJEE कोचिंग सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। भोपाल के एमपी नगर थाने में अभिभावकों का हंगामा देखने को मिला था, जब वे FIITJEE के संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करवाने पहुंचे थे। आरोप था कि कोचिंग ने छात्रों से 2 से 4 साल का एडवांस फीस लिया था और अब अचानक सेंटर बंद कर दिया गया। यह कोचिंग भोपाल के एमपी नगर ZONE-2 में संचालित थी, जहां 150 से ज्यादा अभिभावकों से 3 से 5 लाख रुपए तक एडवांस में फीस ली गई थी।
अभिभावकों का कहना था कि उन्होंने 2 से 4 साल की फीस पहले ही जमा कर दी थी, इसके अलावा अतिरिक्त पैसे भी दे दिए थे। जब कोचिंग सेंटर बंद हो गया, तो अभिभावकों ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी और आवेदन प्राप्त कर विधि विशेषज्ञों से सलाह लेने की बात की थी।
इसी तरह का एक मामला इंदौर में भी सामने आया था। इंदौर के पलासिया इलाके में स्थित FIITJEE कोचिंग सेंटर पर एक छात्र के अभिभावक ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा यहां पढ़ाई कर रहा था और कोचिंग ने उनसे 2 लाख रुपए एडवांस में लिए थे। इसके अलावा, अन्य करीब 50 अभिभावकों से भी 2-2 लाख रुपए एडवांस में लिए गए थे। लेकिन, फीस जमा कराने के बाद एक महीने से कोई पढ़ाई नहीं हो रही थी। जब अभिभावकों ने पढ़ाई की स्थिति के बारे में पूछा, तो उन्हें फंड की समस्या का हवाला दिया गया।
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