केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Minister Nirmala Sitharaman ) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बीजेपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। वित्त मंत्री पर इलेक्टोरल बॉन्ड ( Electoral Bond ) के जरिए उगाही करने का आरोप है। बता दें कि वित्त मंत्री के अलावा कई अन्य नेताओं के खिलाफ बेंगलुरु की एक विशेष लोकदल अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
वित्त मंत्री के अलावा इन नेताओं की भी शिकायत
दरअसल, जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली की गई। इसके बाद बेंगलुरु की MP/MLA कोर्ट ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसी मामले में बेंगलुरु की तिलक नगर पुलिस वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ केस दर्ज करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ-साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ( National President JP Nadda ), कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीआई विजयेंद्र, नलिन कुमार कटील, केंद्रीय और राज्य भाजपा कार्यालयों और ईडी विभाग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
चुनावी बॉन्ड योजना की कब हुई थी शुरुआत?
केंद्र सरकार ( Central government ) ने साल 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे की जगह लेना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता को बेहतर बनाया जा सके। गौरतलब है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को फंडिंग की जाती थी लेकिन इसका खुलासा नहीं किया जाता था।
हालांकि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। इस योजना को लेकर विपक्ष ने देशभर में बड़े पैमाने पर हंगामा और प्रदर्शन किया था। इस योजना को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी और बीजेपी को जमकर घेरा था।
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