क्या आपने कभी सोचा था कि लोग अंतरिक्ष की सैर करने भी जाया करेंगे। नहीं ना। जमीन से आकाश हमारे लिए हमेशा से उत्सुकता का सब्जेक्ट रहा है। दादी-नानी कभी चंदा मामा तो कभी सूरज चाचू की कहानियां सुनाती थीं। गर्मियों के दिनों में बच्चे तारों को गिना करते थे। अब स्थितियां बदल रही हैं। लोग अंतरिक्ष में घूमने जैसे प्लान भी करने लगे हैं।
ताजा मामला भारतीय मूल के पायलट गोपीचंद थोटाकुरा ( gopichand thotakura ) से जुड़ा है। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा ( space tour ) पर जाकर इतिहास रच दिया है। वे अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक ( first indian space tourist ) और दूसरे भारतीय बन गए हैं। गोपीचंद ने जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन की कमर्शियल अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उड़ान भरी। पायलट गोपीचंद के साथ 6 और लोग भी अंतरिक्ष यात्रा के लिए गए हैं। इससे पहले 1984 में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा (wing commander rakesh sharma ) अंतरिक्ष में पहुंचे थे।
6 यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में रवाना हुए गोपीचंद
ब्लू ओरिजिन ( blue origin ) के न्यू शेपर्ड रॉकेट व कैप्सूल (एनएस-25) ने 6 यात्रियों को लेकर अमरीका के पश्चिमी टेक्सास से स्थानीय समय के अनुसार, रविवार सुबह 9.36 बजे उड़ान भरी थी। यात्रियों में गोपी थोटाकुरा और एड ट्विट के अलावा उद्यमी मेसन एंजेल, फ्रांसीसी शराब कंपनी मोट-ब्लैक के संस्थापक सिल्वेन चिरोन, सॉफ्टवेयर इंजीनियर केनेथ एल, हेस व सेवानिवृत्त लेखाकार कैरोल स्कॉलर शामिल थे।
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आवाज की गति से तीन गुना ज्यादा रफ्तार
अंतरिक्ष यान ने आवाज की गति से तीन गुना से अधिक या 2,000 मील प्रति घंटे से अधिक की गति से उड़ान भरी। रॉकेट ने कैप्सूल को पृथ्वी की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पहुंचाया। इसके बाद बाहरी अंतरिक्ष शुरू हो जाता है। उड़ान के दौरान यात्रियों ने कुछ मिनटों के लिए भारहीनता ( weightlessness ) का अनुभव किया। केबिन की खिड़कियों से पृथ्वी का अद्भुत नजारा भी देखा।
गोपीचंद थोटाकुरा कौन हैं
आंध्रप्रदेश में जन्मे गोपीचंद थोटाकुरा एक पायलट और एविएटर हैं। गोपी अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में काम कर चुके हैं। थोटाकुरा एम्बी-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। वे Preserve Life Corp के को-फाउंडर भी हैं। यह जॉर्जिया बेस्ड एक वेलनेस और अप्लायड हेल्थ सेंटर कंपनी है।
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बेंगलुरू से पढ़े हैं गोपीचंद
थोटाकुरा की LinkedIn प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने बेंगलुरू के प्राइवेट स्कूल सरला बिड़ला एकेडमी से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने फ्लोरिडा के डायटोना बीच में Embry-Riddle Aeronautical University से Aeronautical Sciences में बैचलर की डिग्री हासिल की। गोपीचंद से पहले राकेश शर्मा एक यात्री के रूप में अंतरिक्ष में गए थे। इसके बाद भारतीय मूल की अमेरिकी कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, राजा चारी और सिरिशा बंदला अंतरिक्ष यात्रा पर जा चुके हैं। अब गोपीचंद अंतरिक्ष यात्री के तौर पर स्पेस में गए हैं। वे अमेरिका में रहते हैं। उनके पास अब भी भारतीय नागरिकता है।
कार्मन लाइन क्या है ?
जेफ बेजोस की अगुआई वाली ब्लू ओरिजिन की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी। यह कंपनी अब तक इससे पहले 31 लोगों को कार्मन लाइन तक भेज चुकी है। आपको बता दें कि कार्मन रेखा वह सीमा है, जो पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष को अलग करती है। इस मिशन को अंतरिक्ष की दौड़ में भारत के दोबारा प्रवेश के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है।
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