चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए फोरेंसिक अकाउंटिंग और इन्वेस्टिगेशन स्टैंडर्ड लागू, 23 मानक नहीं अपनाए तो होगी कार्रवाई, जानें नए नियम

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BP Shrivastava
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चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए फोरेंसिक अकाउंटिंग और इन्वेस्टिगेशन स्टैंडर्ड लागू, 23 मानक नहीं अपनाए तो होगी कार्रवाई, जानें नए नियम

KANPUR. बैंक या किसी कंपनी के फोरेंसिक आडिट और जांच के परिणाम एक जैसे हों, इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने एक जुलाई, 2023 से फोरेंसिक अकाउंटिंग और इन्वेस्टीगेशन (FAI) स्टैंडर्ड लागू कर दिए हैं। देश के सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट को इसे मानना अनिवार्य होगा और उन्हें इसमें दिए गए 23 मानकों को अपनी फोरेंसिक जांच में अपनाना होगा। ऐसा ना करने पर कोई शिकायत हुई तो संस्थान चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है। 





वर्तमान नियमों में गड़बड़ी पकड़ना हो रहा था मुश्किल 





वर्तमान में जब कंपनियों और वित्तीय संस्थानों का स्वरूप बहुत बड़ा हो गया और उनके यहां लिखा-पढ़ी की प्रविष्टियां भी अधिक हैं, तब ऐसे में किसी कंपनी, बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों में हो रही गड़बड़ी पकड़ना बहुत मुश्किल है। एक-एक प्रविष्टि की जांच करने के साथ बिलों की ट्रेल बनानी होती है कि कौन सी प्रविष्टि के बाद वह आगे कहां तक गई। अभी तक फोरेंसिक ऑडिट और जांच को लेकर कोई मानक तय नहीं था। सीए अपने हिसाब से जांच करते थे और कुछ लोग जो सीए नहीं होते हैं वे सर्टिफाइड फ्राड एग्जामिनर का डिप्लोमा लेकर भी जांच कर रहे हैं। 





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2021 में तैयार किए थे 23 मानक





कोरोनाकाल के दौरान 2020 में संस्थान के डिजिटल अकाउंटिंग एंड एश्योरेंस बोर्ड के चेयरमैन रहे मनु अग्रवाल ने इस पर काम शुरू किया था। 2021 में उन्होंने सात हिस्से में 23 मानक तय कर इसे संस्थान को सौंपा। एक अप्रैल, 2023 से लागू करने की बात भी कही गई लेकिन तब यह लागू नहीं हो सका। अब 1 जुलाई को सीए दिवस पर संस्थान ने सभी सीए के लिए इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया। 





30 जून की देर रात तक चली बैठक 





मनु अग्रवाल ने एफएआई स्टैंडर्ड के बारे में बताया कि बैंक या किसी वित्तीय संस्थान को लगता है कि उसके यहां कोई वित्तीय गड़बड़ी है तो वह फोरेंसिक ऑडिट कराते हैं। मानक तय न होने से अभी तक एक ही मामले की अलग-अलग सीए की जांच रिपोर्ट अलग-अलग होती थी। अब मानक का पालन करने पर परिणाम भी समान होंगे। शुक्रवार (30 जून) को देर रात तक चली संस्थान की बैठक के बाद शनिवार (1 जुलाई) से इसे लागू कर दिया गया। 





फोरेंसिक ऑडिट के सात हिस्से और 23 मानक ... 







  •  पहले हिस्से में तीन बिंदुओं में स्टैंडर्ड का परिचय है। इसमें स्टैंडर्ड का परिचय, नियंत्रण की रूपरेखा, बेसिक प्रिंसिपल हैं। 



  •  दूसरे हिस्से में मुख्य परिकल्पना है। इसमें कार्य की प्रकृति, धोखाधड़ी का जोखिम, कानून व नियम, परिकल्पना को लागू करना हैं। 


  • तीसरा हिस्सा कार्य प्रबंधन का है, इसमें कार्य के उद्देश्य, कार्य की स्वीकृति और नियुक्तियां, विशेषज्ञ का प्रयोग, एजेंसी का इस्तेमाल, स्टेकहोल्डर से बातचीत शामिल है। 


  • चौथा हिस्सा दिए कार्य को करने के संबंध में हैं, इसमें कार्ययोजना, साक्ष्य, कार्य का तरीका, साक्षात्कार, रिव्यू और सुपरविजन, सक्षम अधिकारी के सामने परीक्षण हैं। 


  • पांचवां हिस्सा विशेषज्ञता से जुड़ा है, इसमें डाटा एनालिसिस, डिजिटल डोमेन में साक्ष्यों को तलाशना, ऋण हैं। 


  • छठवां हिस्सा रिपोर्टिंग का है। इसमें परिणाम को बताना है। 


  • सातवां क्वालिटी कंट्रोल का है। 






  • राष्ट्रपति ने कहा- वर्ष 2047 तक 50% चार्टर्ड अकाउंटेंट महिलाएं होंगी 





    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (1 जुलाई) को उम्मीद जताई कि 2047 तक देश में कार्यरत 50 प्रतिशत चार्टर्ड अकाउंटेंट महिलाएं होंगी। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (ICAI) के 75वें वर्ष के अवसर पर एक समारोह में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए कि चार्टर्ड अकाउंटेंसी पेशा एक लोकप्रिय व्यवसाय बन जाए और चार्टर्ड अकाउंटेंट आर्थिक सुशासन का आधार स्तंभ।





    CA की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों में 42% महिलाएं





    मुर्मू ने कहा कि हाल के दिनों में उन्हें बताया गया था कि CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों में लगभग 42 प्रतिशत महिलाएं हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ रही हैं। उम्मीद है कि जब वर्ष 2047 में देश आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगी तो 50 प्रतिशत पेशेवर चार्टर्ड अकाउंटेंट महिलाएं होंगी। यह सर्वविदित तथ्य है कि महिलाएं आम तौर पर कुशल वित्त प्रबंधक और अकाउंटेंट होती हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस मौके पर पेशेवर सीए के लिए जारी किए गए सभी प्रमाणपत्रों के लिए विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (UDIAN) को अनिवार्य बनाने के ICAI के पहल की भी सराहना की।



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