NEW DELHI. दिल्ली में ग्राहकों से धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक के पूर्व अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पंजाब और सिंध बैंक के पूर्व अधिकारी की ढाई करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद पूर्व बैंक अधिकारी बेदांशु शेखर मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की है। ईडी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर बेदांशु शेखर पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी।
जानें क्या है पूरा मामला
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस स्थित श्रीगुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में बैंक की शाखा में तैनात बेदांशु शेखर मिश्रा को कथित धोखाधड़ी सामने आने के बाद नवंबर 2022 में निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद बैंक ग्राहकों से धोखाधड़ी के मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके आधार पर ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया। कार्रवाई को लेकर ईडी ने बताया कि आरोपी बैंक अधिकारी की 2 करोड़ 56 लाख रुपए की अचल संपत्ति और फिक्स डिपॉजिट जब्त की गई है। जांच में पाया गया कि मिश्रा ने कथित तौर पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।
नवंबर 2022 में बैंक ने कर दिया था सस्पेंड
दरअसल, खालसा कॉलेज ब्रांच में तैनात अधिकारी बेदांशु शेखर मिश्रा ने ग्राहकों की एफडी तोड़ दी थी। इसके लिए मिश्रा ने अपनी सिस्टम आईडी और अन्य स्टॉफ की आईडी का इस्तेमाल किया था। आरोपी ने अधिकारी रहते हुए ऑनलाइन गेम खेलने के लिए खालसा कॉलेज से जुड़े और कई अन्य ग्राहकों की 52 करोड़ से ज्यादा की एफडी को अनाधिकृत रूप से तोड़ते हुए धोखाधड़ी की थी। मामले में खुलासा होने के बाद बैंक ने बेदांशु शेखर मिश्रा को नवंबर 2022 सस्पेंड कर दिया गया था।
बैंक और ग्राहकों से धोखाधड़ी और जालसाजी
जांच एजेंसी ने दावा किया आरोपी ने बैंक और खाताधारकों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी की और 52 करोड़ 99 लाख 53 हजार 698 रुपए की सार्वजनिक धन की हेराफेरी की। उसने अपराध के माध्यम से मिले धन का इस्तेमाल कर विभिन्न ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट पर मोनोपोली, पोकर, तीन पत्ती आदि जैसे खेल खेलने के लिए किया। एजेंसी ने कहा कि इस अपराध की आय को आरोपी द्वारा विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न चालू खातों के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को हस्तांतरित की गई।