भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) को लेकर एक विवाद सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ से उनका सरकारी आवास खाली कराने का आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने कहा कि चंद्रचूड़ का सरकारी बंगले में रहना नियमों का उल्लंघन (Violation of Rules) है।
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बंगला वापस लिए जाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्रीय आवास मंत्रालय से आग्रह किया है कि बंगला नंबर 5, कृष्णा मेनन मार्ग को सुप्रीम कोर्ट के हाउस पूल में वापस लिया जाए। यह कदम जस्टिस चंद्रचूड़ के जरिए निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक बंगले में रहने के कारण उठाया गया है। प्रशासन ने यह साफ किया है कि बंगला अब सुप्रीम कोर्ट के कार्यात्मक उपयोग के लिए वापस लिया जाना चाहिए। इसमें और देरी करना ठीक नहीं है।
चंद्रचूड़ के आवास की अनुमति हो चुकी है खत्म
डी.वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्हें जो सरकारी आवास प्रदान किया गया था, उसकी अनुमति 31 मई 2025 को समाप्त हो गई थी। इसके अलावा, 2022 नियमों के तहत, उन्हें जो छह महीने की अवधि दी गई थी, वह भी 10 मई 2025 को समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद, वह अभी भी उस बंगले में रह रहे हैं। इसे सुप्रीम कोर्ट प्रशासन (Supreme Court Administration) नियमों का उल्लंघन मानता है।
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तत्काल लिया जाए बंगला कब्जा- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब और देरी नहीं की जा सकती और बंगला का तत्काल कब्जा लिया जाना आवश्यक है। ताकि सुप्रीम कोर्ट इसे अपने कार्यात्मक उपयोग के लिए पुनः इस्तेमाल कर सके। यह निर्णय कोर्ट के जरिए स्थापित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
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