पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ का बड़ा बयान: अब UCC लागू होना चाहिए, सभी समुदायों को विश्वास में लेना जरूरी

पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की आवश्यकता जताई, साथ ही कहा कि इसे सभी जातियों और समुदायों को विश्वास में लेकर लागू किया जाए।

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Sandeep Kumar
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पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में समान नागरिक संहिता लागू करने की इच्छा पहले व्यक्त की जा चुकी थी। अब 75 साल बाद, यह समय है कि इस लक्ष्य को हासिल किया जाए।

संविधान ने भारत को दिया है स्थिरता

पूर्व CJI ने यह टिप्पणी कांग्रेस सांसद शशि थरूर की नई किताब 'आवर लिविंग कान्सटीट्यूशन' के विमोचन कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश की सबसे बड़ी ताकत है, जो विभिन्न जातियों, धर्मों, संस्कृतियों और क्षेत्रों को जोड़कर भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाता है। संविधान की स्थिरता और सामूहिकता के कारण ही भारत ने पिछले 75 वर्षों में कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना किया और देश ने समग्र विकास की दिशा में अग्रसर हुआ।

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संविधान हमेशा के लिए है: CJI

संविधान पर उठ रहे कथित खतरे और संविधानिक संस्थाओं पर विपक्ष की चिंता पर पूर्व CJI ने कहा कि संविधान हमेशा के लिए है। इसका महत्व निरंतर रहेगा। उन्होंने बताया कि पिछले 75 वर्षों में शासन, महामारी और चुनौतियों के कई दौर आए। संविधान ने देश को स्थिरता और एकता प्रदान की है।

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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारतीय संविधान में समान नागरिक संहिता लागू करने की इच्छा पहले ही व्यक्त की जा चुकी थी। अब 75 साल बाद, यह समय है कि इस लक्ष्य को हासिल किया जाए।

👉 चंद्रचूड़ ने संविधान की स्थिरता और सामूहिकता की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संविधान ने विभिन्न जातियों, धर्मों और संस्कृतियों को जोड़कर भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाया है। इस स्थिरता के कारण ही भारत पिछले 75 वर्षों में विभिन्न आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर सका है।

👉 पूर्व CJI ने संविधान पर उठते कथित खतरे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संविधान हमेशा के लिए है और इसका महत्व निरंतर रहेगा। उन्होंने बताया कि 75 वर्षों में कई शासन, महामारी और चुनौतियों के दौर आए, लेकिन संविधान ने देश को स्थिरता और एकता प्रदान की है।

👉 पूर्व CJI ने 'एक देश-एक चुनाव' प्रस्ताव पर अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा कि यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग को दी जाने वाली अतिरिक्त शक्तियों को लेकर कुछ चिंताएँ थीं, खासकर विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ाने या घटाने की शक्ति के संदर्भ में।

सभी समुदायों को विश्वास में लेने की जरुरत: cji

पूर्व CJI ने यह भी स्पष्ट किया कि समान नागरिक संहिता को लागू करते समय सभी जातियों, समुदायों और वर्गों को विश्वास में लिया जाना चाहिए। यह कदम सामाजिक सद्भाव और विविधता को ध्यान में रखते हुए उठाया जाना चाहिए, ताकि देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर मिल सकें।

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डी.वाई. चंद्रचूड़ से जुड़े विवाद

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पूर्व चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने दिल्ली स्थित चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का आवास खाली कर दिया है। चंद्रचूड़ 8 नवंबर, 2024 को रिटायर हो गए थे। हाल ही में, उनके निर्धारित समय से अधिक समय तक आवास पर रहने को लेकर विवाद हुआ था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने 7 जुलाई को पीटीआई को बताया था कि उन्होंने सामान बांध लिया है। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जल्द ही किराये पर सरकारी आवास में जाएंगे।

पीएम मोदी गए थे चंद्रचूड़ के घर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के दिल्ली स्थित आवास पर गणेश पूजा में भाग लिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'एक्स' पर गणेश पूजा में जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने लिखा, "मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल हुआ।

 भगवान गणेश हम सबको सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें।" प्रधानमंत्री के मुख्य न्यायाधीश के घर जाने और निजी समारोह में शामिल होने से विवाद उत्पन्न हो गया। संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर कुछ लोग अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।

 

एक देश- एक चुनाव पर भी कर चुके हैं टिप्पणी

11 जुलाई को, पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने 'एक देश-एक चुनाव' प्रस्ताव पर अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं है। हालांकि, उन्होंने इस प्रस्ताव से जुड़ी कुछ चिंताओं का उल्लेख किया, खासकर चुनाव आयोग (ECI) को दी जाने वाली अतिरिक्त शक्तियों को लेकर। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ाने या घटाने की शक्ति मिल सकती है, और इस शक्ति के इस्तेमाल को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।

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