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Photograph: (the sootr)
मध्यप्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को हटा दिया है।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद पैरामेडिकल कॉलेजों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और फैसला लिया कि प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों के प्रवेश की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने यह दिया था आदेश
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्टूडेंट्स लॉ एसोसिएशन के अध्यक्ष और अधिवक्ता विशाल बघेल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस आदेश में कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि प्रदेश भर के पैरामेडिकल कॉलेजों के मान्यता आवेदन और निरीक्षण रिपोर्टें कोर्ट में पेश की जाएं।
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फर्जी कालेज चलने के थे आरोप
याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि मध्य प्रदेश में कई फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की तरह पैरामेडिकल कॉलेज भी बिना वैध मान्यता के चल रहे हैं। लगभग 250 पैरामेडिकल कॉलेज पिछले दो वर्षों से बिना मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MPMSU) की संबद्धता के संचालित हो रहे थे। याचिका में यह दावा भी किया गया था कि इन कॉलेजों में छात्रों को बिना सही एफिलिएशन के प्रवेश दिया जा रहा था।
क्या इफेक्ट होगा सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का, ऐसे जानें
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क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी किया और मध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया। इस आदेश के साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पैरामेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया। हालांकि, यह मामला अभी पूरी तरह से निपट नहीं पाया है, और इसकी अंतिम सुनवाई बाकी है।
सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत का महत्व
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय MP पैरामेडिकल कॉलेज के लिए महत्वपूर्ण है। इस निर्णय के बाद इन कालेजों में छात्र-छात्राओं के एडमिशन का रास्ता भी साफ हो जाता है। इससे हजारों छात्रों को अब उनके अध्ययन के लिए एक मान्य कॉलेज मिल सकेगा। इसके अलावा, यह निर्णय उन कॉलेजों के लिए भी फायदेमंद है जिनकी मान्यता और संचालन पर सवाल उठाए गए थे।
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अंतिम निर्णय तय करेगा इन कॉलेजों का भविष्य
अब जब कोर्ट ने इस मामले पर रोक हटा दी है, तो मध्य प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों के लिए प्रवेश प्रक्रिया पुनः शुरू हो सकती है। हालांकि, मामले की अंतिम सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है, यह निर्णय कॉलेजों और छात्रों दोनों के लिए एक राहत की बात है। इसके अलावा, यह उम्मीद जताई जा रही है कि कोर्ट के अगले आदेश के बाद इन कॉलेजों की मान्यता से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकल सकेगा।
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