DELHI. आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने यह कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के कथित ऋण घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। मामले की जांच शुरू होने के बाद चंदा को 2018 में अपने पद से हटना पड़ा था। कोचर दंपति को सीबीआई ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया है। चंदा उस कमेटी का हिस्सा रहीं जिसने बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपए और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपए देने की मंजूरी दी थी। आरोपों के बाद 59 साल की चंदा ने अक्टूबर 2018 में ICICI बैंक के CEO और MD के पद से इस्तीफा दे दिया था।
ईडी ने सितंबर 2020 में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था
सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने सितंबर 2020 में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की एक समिति ने 26 अगस्त 2009 को वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये के कर्ज कीमंजूरी दी थी। कर्ज जारी करने के अगले दिन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने आठ सितंबर 2009 को 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को हस्तांतरित किए। एनआरपीएल के मालिक दीपक कोचर थे। 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपए देने की मंजूरी दी थी।
3 साल पहले 78 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई थी
ED ने 3 साल पहले चंदा कोचर की 78 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं। इनमें चंदा का मुंबई का घर और उनसे जुड़ी कंपनी की संपत्तियां शामिल थीं। ईडी के अधिकारियों ने बताया था कि कोचर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई के लिए वारंट जारी किया गया था। इसके तहत कोचर के मुंबई में स्थित फ्लैट और उनके परिवार से संबंधित एक कंपनी की संपत्तियों को जांच एजेंसी ने अटैच किया था।