NEW DELHI. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी अपनी किताब 'प्रणब, माय फादर : ए डॉटर रिमेंबर्स' को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं। उनका कहना है कि उनके पिता यानी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के आलोचक नहीं थे। वे उन्हें पॉलिटिक्स के लिए फिट नहीं मानते थे। उनका मानना था कि राहुल पॉलिटिक्स के लिए अभी मैच्योर नहीं हैं।
'कैसे सुधर सकती है कांग्रेस की हालत'
शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गांधी परिवार को भगवान मानना बंद करना चाहिए। कांग्रेस में गांधी परिवार के अलावा और कोई लीडरशिप नहीं है। ये सब बंद होगा, तभी कांग्रेस की हालत सुधर सकती है।
कांग्रेस की हालत के लिए कौन जिम्मेदार ?
शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में प्रणब मुखर्जी की 50 सालों की पॉलिटिकल जर्नी और अपने बारे में लिखा है। उनकी किताब प्रणब मुखर्जी की डायरी पर आधारित है। प्रणब अपनी रोज की दिनचर्या उस डायरी में लिखते थे। उन्होंने इंदिरा गांधी से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक के बारे में अपनी डायरी में काफी कुछ लिखा है। शर्मिष्ठा का कहना है कि उनके पिता मानते थे कि कांग्रेस का ये हाल 2-3 सालों में नहीं हुआ। पार्टी की ऐसी हालत करने में दशकों लगे हैं। कांग्रेस के कुछ सीनियर लीडर इसके लिए जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि पीएम मोदी से उनके पिता के अच्छे रिश्ते थे। राष्ट्रपति बनने के बाद भी संबंध ठीक रहे।
3 राज्यों में कांग्रेस की करारी हार
पिछले दिनों 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को बुरी तरह पराजित किया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में एक बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब रही। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी को सिर्फ तेलंगाना में जीत मिली है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज कांग्रेस पार्टी को छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश से बड़ा झटका लगा है। 3 बड़े राज्यों में मिली करारी हार के बाद अब सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवाई वाली भारतीय जनता पार्टी को टक्कर दे पाएगी। ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनावों को लोकसभा के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था।
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लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के लिए अहम
कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि 2003 में इन 3 राज्यों में करारी हार के बाद 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को हराते हुए UPA ने सरकार बनाई थी। जयराम रमेश के अनुसार कांग्रेस 2024 के चुनाव में 20 साल पुराने इतिहास को दोहराने जा रही है। लोकसभा चुनाव का परिणाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए भी अहम होगा। इसके जरिए वे अपनी लीडरशिप कायम कर सकते हैं।