हर साल गजानन महाराज को लोग बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ अपने घर लाते हैं और उनकी स्थापना करते हैं। पूजा-अर्चना करते हैं साथ ही उनके प्रिय मोदक का भोग भी लगाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन लोगों में भगवान गणेश की स्थापना के साथ मुहूर्त को लेकर भी कई सवाल होते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि लंबोदर की स्थापना को लिए कौन सा समय अति उत्तम है, साथ ही इस मुहूर्त में गणपतिजी के स्थापना करने से इन 10 दिनों के साथ ही पूरा साल आपके लिए कैसे फलदायी रहेगा।
गणेश चतुर्थी, स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार विनायक चतुर्थी 7 सितंबर, शनिवार को है। इस दिन चतुर्थी को उदया तिथि है, उदया तिथि दिन में 3:14 बजे तक है। यानी सुबह की जो तिथि होती है, वो पूर्ण रूप से मानी जाती है इसलिए उस दिन गणेश चतुर्थी भी मानी गई है। गणेश चतुर्थी के दिन बाल गणेश जी का जन्म हुआ था। ज्योतिषाचार्य बताते हैं की गणेश चतुर्थी पर इस बार विशेष योग बन रहा है। इस बार विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म योग पड़ रहा है जो बहुत ही विशेष और शुभ है। इस योग में गणेश जी की स्थापना और पूजा पाठ करना बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन ब्रह्म योग होने से व्रत करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
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2002 में गणेश चतुर्थी पर बना था ऐसा योग
ज्योतिषाचार्य कहते हैं गणेश चतुर्थी पर इस बार 22 साल बाद ऐसा योग मिल रहा है, इससे पहले 2002 में ऐसा विशेष योग बना था। जो भक्त इस योग में शाम को 6 बजे से 9 बजे के बीच में गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं उन्हें गणेश भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है, घर में शांति के साथ-साथ सुख समृद्धि होती है, परिवार के सदस्यों की उम्र बढ़ती है, पूरे साल धन लाभ होता है।
कैसे और कब करें गणेश स्थापना
गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त 7 सितंबर, शनिवार की शाम को 6 बजे से लेकर 9 बजे के बीच है। ये मुहूर्त 22 साल के बाद ब्रह्म योग में आने वाला विशेष मुहूर्त है। स्थापना के लिए लकड़ी का एक पटा लें, उसके ऊपर पीला या लाल वस्त्र मूर्ति विराजित कर दें। ये ध्यान रखें कि घर में स्थापना के लिए गजानन की ज्यादा से ज्यादा 9 इंच की प्रतिमा और ऑफिस के लिए ज्यादा से ज्यादा एक फुट की प्रतिमा ही लें। इतनी बड़ी मूर्ति लाकर स्थापित करें। अगर गणेश प्रतिमा की सूंड दाहिने तरफ मुड़ी हुई, हो तो ऐसी मूर्ति बहुत शुभ मानी जाती है।
लंबोदर को ये भोग हैं पसंद
भगवान गजानन की स्थापना के बाद ध्यान रखें कि गणेशजी को मोदक सबसे प्रिय है। इसलिए सबसे प्रथम तो मोदक यदि मोदक उपलब्ध न हो तो किसी भी प्रकार के लड्डू और केले का भोग लगाएं। जो मोदक, लड्डू और केला का भोग लगाकर गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं वहां भगवान गणेशजी की कृपा अवश्य बरसती है। गणेशजी की दृष्टि भक्तों पर बनी रहती है, सुख समृद्धि आती है।
सीएम ने दीं प्रदेशवासियों को गणेश चतुर्थी की मंगलकामनाएं
सीएम मोहन यादव ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रदेशवासियों को मंगलकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि भारतीय पर्व और त्यौहार नागरिकों को परस्पर जोड़ने का कार्य करते हैं। गणेश चतुर्थी भी सामाजिक समरसता, भाईचारे, एकता के वातावरण को मजबूत करने तथा उल्लास और आनंद का अवसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विघ्न विनाशक भगवान श्री गणेश से प्रदेशवासियों के जीवन को और भी अधिक मंगलमय बनाने और समृद्धि की कामना की है। उन्होंने नागरिकों से यह भी आव्हान किया है कि पर्यावरण के संरक्षण का ध्यान रखते हुए मिट्टी से निर्मित लघु श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना का प्रयास किया जाए।
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