गोल्ड लोन की डिमांड ने होम और पर्सनल लोन को पीछे छोड़ दिया है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 7 महीनों में गोल्ड लोन की डिमांड में 50.7% की वृद्धि दर्ज की गई है। 18 अक्टूबर 2024 तक गोल्ड लोन का कुल आउट स्टैंडिंग 1.54 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो मार्च 2024 में 1.02 लाख करोड़ रुपए था।
बैंकर्स का कहना है कि सोने की कीमतों में आई तेजी ने गोल्ड लोन को बढ़ावा दिया है। इससे लोग अपने पुराने कर्ज चुकाने और नई जरूरतों के लिए लोन लेने में सक्षम हो रहे हैं।
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गोल्ड लोन की डिमांड क्यों बढ़ी?
सोने की कीमत में बढ़ोतरी: सोने के भाव में तेजी आने से लोग अपने गहनों को गिरवी रखकर आसानी से लोन ले रहे हैं।
फाइनेंशियल कमजोरी: कई परिवार वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, और गोल्ड लोन एक त्वरित समाधान प्रदान करता है।
पर्सनल लोन डिफॉल्ट: पर्सनल लोन डिफॉल्ट की दर बढ़ने के कारण बैंक गोल्ड लोन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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अन्य लोन की तुलना
होम लोन: होम लोन में सालाना 5.6% की वृद्धि हुई और यह 28.7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा।
क्रेडिट कार्ड: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 9.2% बढ़कर 2.81 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
लोगों की रुचि में कमी नहीं
बता दें कि आरबीआई ने गोल्ड लोन से जुड़े जोखिमों पर कई बार चेतावनी दी है, लेकिन लोगों की रुचि में कोई कमी नहीं आई है।
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