प्रसिद्ध केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर दिल्ली में एक केदारनाथ मंदिर बनने जा रहा है। संतों का एक बड़ा वर्ग इसका विरोध कर रहा है। इसी बीच ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने का दावा किया है।
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने लगाए आरोप
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना चोरी होने का दावा किया है। साथ ही सरकार पर इसका जांच न करने की भी बात कही। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा- केदारनाथ में सोने का घोटाला हो गया। अब वहां घोटाला हो गया तो दिल्ली में केदारनाथ बना रहे हो। वहां पर फिर दूसरा घोटाला करोगे। 228 किलो सोना, केदारनाथ से गायब कर दिया गया है. कोई जांच तक नहीं बैठाई गई।
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का बयान-
#WATCH | Mumbai: On Kedarnath Temple to be built in Delhi, Shankaracharya of Jyotirmath, Swami Avimukteshwaranand alleges, "There is a gold scam in Kedarnath, why is that issue not raised? After doing a scam there, now Kedarnath will be built in Delhi? And then there will be… pic.twitter.com/x69du8QJN2
— ANI (@ANI) July 15, 2024
क्या सच में चोरी हुआ 228 किलो सोना ?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज जिस सोना चोरी विवाद की बात कर रहे हैं, वह मामला 2023 में पहली बार उजागर हुआ था। दरअसल 2005 में किसी भक्त ने केदारनाथ मंदिर को सोना दान किया था। ये सोना मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगवाया गया था।
2023 में मंदिर के पुजारी संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि गर्भगृह में लगे 125 करोड़ सोने को पीतल में बदल दिया गया है। उन्होंने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) पर इस गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। हालांकि जांच में ये आरोप गलत सिद्ध हो गए थे। अब शंकराचार्य ने आरोप लगाया है कि सरकार ने कभी इस मामले में जांच ही नहीं की।
ये खबर भी पढ़िए...
केदारनाथ के नाम पर अब दिल्ली में नहीं बनेगा मंदिर, संतों के विरोध के बाद ट्रस्ट का अहम फैसला
बीकेटीसी ने दी थी सफाई
संतोष त्रिवेदी के आरोप लगाने के तुरंत बाद ही BKTC द्वारा इस पर सफाई दे दी गई थी। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने आरोपों को भ्रामक बताया था।
बीकेटीसी ने बताया कि एक डोनर से मिले 23,777.8 ग्राम सोने से गर्भगृह को सजाया गया था। अधिकांश सजावट 1,001 किलोग्राम तांबे से की गई थी, जिसकी कीमत 29 लाख रुपए थी। वहीं इस्तेमाल किए गए सोने की कीमत 14.38 करोड़ रुपए थी।
बीकेटीसी की प्रेस विज्ञप्ति-
दिल्ली में बन रहा केदारनाथ मंदिर
दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर ही एक मंदिर बन रहा है। इसका नाम 'श्री केदारनाथ धाम' होगा। इस मंदिर का शिलान्यास करने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे थे।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम के शिलान्यास में शामिल हुए-
नई दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर दिल्ली धाम के भूमि-पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। इस अवसर पर संत समाज एवं विद्वतगणों के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 10, 2024
निश्चित रूप से इस मंदिर का निर्माण शिव भक्तों के लिए हर्ष का क्षण है साथ ही सनातन संस्कृति… pic.twitter.com/NC67cr4MSg
संत समाज का विरोध
दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर का संतों का एक बड़ा वर्ग विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि केदारनाथ मंदिर हिमालय की गोद में होना चाहिए। दिल्ली में यह मंदिर नहीं बन सकता। वहीं संतों का यह भी कहना है कि इस तरह से दिल्ली में मंदिर बनाना, हिमालय में बसे केदारनाथ धाम की पवित्रता का अपमान होगा।
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने भी इस मंदिर बनने का विरोध किया है। शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम बताए गए हैं और जहां पर इनके नाम बताए गए हैं, वहीं पर पता भी बताया गया है। हिमालय में केदार है तो आप दिल्ली में कहां से लाकर रख देंगे।
ये खबर भी पढ़िए...
देवशयनी एकादशी : विष्णु सौपेंगे सृष्टि की सत्ता शिव को, मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम
उत्तराखंड में नाराजगी
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनने से उत्तराखंड के लोगों में काफी नाराजगी है। खासकर प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी के मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में जाने से लोग और ज्यादा नाराज हो गए हैं।
हालांकि मामले में बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने सफाई दी है कि इस मंदिर निर्माण से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। मुख्यमंत्री वहां संतों के बुलावे पर गए थे।
thesootr links
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का विरोध केदारनाथ धाम दिल्ली