GST काउंसिल की बैठक सोमवार, 9 सितंबर को हुई। इस बैठक में दो मुद्दों पर चर्चा होनी थीं। पहला हेल्थ इंश्योरेंस में जीएसटी की दरें कम करने और 2000 रुपए से कम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर 18% जीएसटी का मामला था। फिलहाल इंश्योरेंस प्रीमियम सस्ता होने नहीं जा रहा है, क्योंकि यह मामला अंतिम फैसला अगली बैठक के लिए टाल दिया है। इसके अलावा नमकीन पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से 12 फीसदी करने का फैसला किया गया है। साथ ही कुछ कैंसर की दवाओं पर जीएसटी की दरें कम करने पर सहमति बन गई है. मीटिंग के बीच उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने बताया कि तीर्थयात्रा पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है.
हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी को लेकर चर्चा
जीएसटी परिषद में हेल्थ इंश्योरेंस पर मौजूदा 18 प्रतिशत लगने वाली जीएसटी दर को कम करने को लेकर सहमति बन गई है।केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों की समिति (फिटमेंट कमेटी) ने सोमवार को जीएसटी परिषद के सामने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें जीवन, स्वास्थ्य और पुनर्बीमा प्रीमियम पर GST कटौती के आंकड़े और विश्लेषण दिए हैं। बैठक में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए इसको स्वीकार किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक आयोजित की गई। दिल्ली में परिषद की बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री मौजूद थे। फिलहाल पेमेंट एग्रीगेटर्स को 2000 रुपए से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी गई है।
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बीमा प्रिमियम पर टैक्स घटाने के पक्ष में है ज्यादातर राज्य
मीडिया सूत्रों के अनुसार अधिकतर राज्य बीमा से संबंधित प्रीमियम की दरों को कम करने के पक्ष में हैं। अगर जीएसटी दरें कम की जाती हैं तो यह करोड़ों पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे प्रीमियम की राशि घट जाएगी। जीएसटी से पहले बीमा प्रीमियम पर सेवा कर लगता था। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद सेवा कर को जीएसटी प्रणाली में सम्मिलित कर लिया था, वहीं ये मुद्दा संसद में भी उठाया गया था। विपक्षी सदस्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा की प्रीमियम राशि में जीएसटी की छूट देने की मांग की थी।
गडकरी ने वित्त मंत्री को लिखा था पत्र
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया था। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर टैक्स में राहत देने की अपील की थी। इसके बाद से ही विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनाए हुए है। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने भी संसद में बजट पर चर्चा के बाद अपने जवाब में इस मुद्दे को जीएसटी काउंसिल में उठाने की बात कही थी।
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