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JAMNAGAR. गुजरात के नामी हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. गौरव गांधी (41) का हार्ट फेल से निधन हो गया। अपने मेडिकल करियर में वे 16000 हार्ट सर्जरी कर चुके थे। निधन से एक दिन पहले तक वे मरीजों को देख रहे थे। 6 जून (मंगलवार) को उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी और फिर एसिडिटी के इलाज के बाद वे घर लौट गए।
एमपी शाह मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. नंदिनी देसाई ने बताया कि डॉ. गांधी ने मंगलवार शाम करीब 4.00 बजे सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया। कार्डियोग्राम के बाद उनका एसिडिटी का का इलाज चला। कुछ देर बेहतर महसूस करने के बाद वे घर चले गए थे।
छोटी सी उम्र में ही डॉ. गांधी गुजरात के नामी हृदयरोग विशेषज्ञों में शुमार हो गए थे। वे जामनगर स्थित प्राइवेट अस्पताल में बतौर हृदय रोग विशेषज्ञ प्रैक्टिस कर रहे थे। डॉक्टर गांधी की हार्ट अटैक से मौत ने सबको चौंका दिया है।
नींद में ही हो गई मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. गौरव गांधी राज्य के सबसे युवा हार्ट स्पेशलिस्ट में से एक थे। पुलिस के मुताबिक, डॉ. गांधी की नींद में ही मौत हुई। 5 जून (सोमवार) रात को डॉ. गांधी ने अपने अस्पताल का शेड्यूल निपटाया, रात को कुछ मरीजों को रात में देखा। इसके बाद वे घर आ गए।
डॉ. गांधी ने रात का खाना खाया और कुछ देर बाद सोने चले गए। उनके परिवार ने बताया कि डॉ. गांधी के व्यवहार में कुछ भी अलग नहीं था। ना ही उन्होंने तबीयत खराब होने के बारे में परिवार के सदस्यों को बताया। परिवार के सदस्यों ने ये भी बताया कि डॉ. गांधी का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक लग रहा था।
मंगलवार सुबह जब डॉ. गांधी अपने उठने के तय समय पर नहीं उठे, तब परिवार के लोगों ने उन्हें आवाज लगाई। डॉ. गांधी सुबह 6 बजे के आस-पास जागते थे। बार-बार आवाज लगाने पर भी जब वो बिस्तर से नहीं उठे, तब उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर्स ने बताया कि उनकी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है।
हार्ट की बीमारियों को लेकर लोगों को अवेयर भी करते थे
डॉ. गौरव गांधी ने जामनगर से मेडिकल डिग्री ली थी। अहमदाबाद से उन्होंने कार्डियोलॉजी में स्पेशलाइजेशन किया। पढ़ाई खत्म करने के बाद वे मेडिकल प्रैक्टिस के लिए घर लौट आए। वे दिल की बीमारियों के प्रति जागरूकता अभियान चलाते थे। फेसबुक पर वे कैंपेन 'हॉल्ट हार्ट अटैक्स' में एक्टिव रहते थे।