हरियाणा में एक बार फिर नायब सिंह सैनी की सरकार बनने जा रही है। बुधवार को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। इसमें नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया, यानी एक बार फिर हरियाणा की कमान उनके हाथ में आने वाली है।
जानकारी के मुताबिक नायब सिंह सैनी 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 16 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में हुई। तो आइए हरियाणा के दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने से पहले नायब सिंह के राजनीतिक करियर, शिक्षा और उनकी संपत्ति के बारे में जानते हैं।
नायब सिंह सैनी की एजुकेशन
नायब सिंह सैनी की बात करें तो उनका जन्म 25 जनवरी 1970 को हरियाणा के अंबाला के मिजापुर माजरा गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा की बात करें तो सैनी ने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। सैनी के बारे में कहा जाता है कि वे पढ़ाई में काफी होशियार थे और प्राथमिक शिक्षा में हमेशा अव्वल आते थे।
सैनी की कुल संपत्ति
नायब सिंह सैनी की संपत्ति की बात करें तो करोड़ों में है। उन्होंने चुनाव आयोग को सौंपे हलफनामे में इसका ब्योरा दिया है। उनके द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सैनी की कुल संपत्ति 5 करोड़ 80 लाख पचास हजार रुपए से अधिक की है, जबकि उन पर 74 लाख 82 हजार रुपए से अधिक का कर्ज है।
राजनीतिक सफर
राजनीतिक करियर पर नजर डालें तो नायाब सिंह सैनी 90 के दशक में राजनीति में कदम रखा था। नायब सिंह सैनी 1996 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। छह साल बाद 2002 में बीजेपी ने सैनी को अंबाला से पार्टी के युवा मोर्चा का महासचिव बनाया। ठीक तीन साल बाद 2005 में उन्होंने युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। हालांकि, सैनी को उतनी पहचान नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी। नायब सिंह सैनी के राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया। गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
गन्ना आंदोलन के बाद नायब सिंह सैनी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे। इसे देखते हुए भाजपा ने उन्हें हरियाणा किसान मोर्चा के महासचिव पद की जिम्मेदारी दी। साल 2009 में नायब सैनी ने पहली बार नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा। हालांकि, उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार राम किशन से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद साल 2012 में पार्टी ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बनाया।
इसके बाद साल 2014 में पार्टी ने एक बार फिर नायब सिंह सैनी पर भरोसा जताया और उन्हें नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया। इस बार सैनी चुनाव जीतने में सफल रहे। उस समय उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह को हराया था। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाकर इतिहास रच दिया था। साल 2023 में सैनी को बीजेपी हाईकमान ने हरियाणा बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और 2024 में हरियाणा का सीएम बनाया।
खट्टर हैं राजनीतिक गुरु
बता दें कि नायब सिंह सैनी हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बेहद करीबी बताए जाते हैं। खट्टर को उनका राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है। उन्हें खान एवं भूविज्ञान और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से मैदान में उतारा, जिसमें उन्होंने 3.84 लाख वोटों से जीत दर्ज की। फिलहाल सैनी हरियाणा की लाडवा विधानसभा सीट से विधायक हैं।
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