MP News: सात साल पहले एक दर्दनाक सड़क हादसे में हास्य कवि प्रदीप चौबे के बेटे आभास का निधन हो गया। उस भारी दुख के बाद कुछ ही समय में कवि प्रदीप भी इस दुनिया से रुखसत हो गए। इस गम के बीच, परिवार की छोटी बहू वर्षा विधवा हो गईं और घर-परिवार के साथ-साथ समाज की चुनौतियों का सामना कर रही थीं। इसी मुश्किल वक्त में, कवि प्रदीप की पत्नी विनीता चौबे ने बहू वर्षा के लिए नया जीवन सुनिश्चित करने का साहसिक निर्णय लिया और उनकी दूसरी शादी करवा दी।
नहीं की समाज की परवाह
विधवा विवाह भारत में अब भी सामाजिक दृष्टि से एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कई परिवारों और समाज में विधवाओं की पुनर्विवाह पर विरोध या झिझक रहती है। ऐसे में मध्य प्रदेश के ग्वालियर की हास्य कवि प्रदीप चौबे की पत्नी विनीता ने इस सामाजिक बाधा को तोड़ते हुए अपने दाम्पत्य दुःख को पीछे छोड़कर बहू वर्षा की दूसरी शादी की।
उन्होंने कानपुर के युवक चेतन जैन से वर्षा का विवाह कराया, जिससे बहू के जीवन में नई खुशियां आ गईं। वर्षा ने इस पहल के लिए विनीता को धन्यवाद देते हुए कहा- ऐसी सास हर बहू को मिले।
ये भी पढ़ें:
नई जिंदगी की शुरुआत
विनीता ने बताया कि बहू वर्षा के सामने पूरी जिंदगी की चुनौतियां पड़ी थीं। पर उन्होंने ठाना कि बहू का जीवन फिर से खुशहाल बनाना है। 11 मई को वर्षा और चेतन की शादी हुई, जिसे बड़े बेटे और बहू ने मिलकर कन्यादान किया।
यह पहल न केवल परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है। युवा हास्य कवि चिराग जैन ने सोशल मीडिया पर इस कदम की सराहना करते हुए लिखा कि विनीता ने अपने कष्टों को भूल कर बहू के लिए पुनर्विवाह का साहस दिखाया है। उन्होंने सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ कर बहू के भविष्य को संवारने का काम किया, जो आसान नहीं था।
ये भी पढ़ें:
समाज में विधवा विवाह की जरूरत
भारत में विधवा विवाह पर सामाजिक वर्जनाएं अब भी कई जगहों पर प्रचलित हैं। हालांकि कानून के तहत विधवा विवाह पूरी तरह से वैध है, फिर भी सामाजिक स्तर पर इसे स्वीकार्यता मिलने में देरी है।
विनीता चौबे जैसे साहसी व्यक्तियों की यह पहल इस सामाजिक रूढ़िवाद को तोड़ने में मददगार साबित हो सकती है। इससे समाज में विधवाओं को सम्मान और जीवन का दूसरा अवसर मिलने की उम्मीद बढ़ेगी।