NEW DELHI. किसान पंजाब-हरियाणा की शंभू बॉर्डर पर लंबे वक्त से डटे हुए हैं। शंभू बॉर्डर खुलेगा या नहीं इसको लेकर आज बुधवार (21 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट मांगों को लेकर किसानों से बातचीत के लिए वार्ताकारों के नाम तय कर सकता है।
हाईवे पार्किंग की जगह नहीं
शंभू बॉर्डर को लेकर 12 अगस्त को सुनवाई हुई थी। शीर्ष अदालत ने बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने के आदेश देते हुए कहा था कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। साथ ही कोर्ट ने एक हफ्ते में एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोले जाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अंबाला और पटियाला के एसएसपी को मीटिंग करना चाहिए और ये देखना चाहिए कि कुछ रास्ते जरूरतमंद लोगों के लिए खोला जा सके।
किसान क्यों कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन?
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। जिसको लेकर हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए अंबाला-नई दिल्ली हाईवे पर बैरिकेड्स लगा दिए थे। पुलिस प्रशासन ने किसानों को शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया। पिछले करीब सात महीने से अन्नदाता वहीं डटे हुए हैं।
बता दें कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले 250 किसान संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। पंजाब के कई किसान संघों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के लिए मार्च किया था, दिल्ली की और बढ़ता किसानों का मार्च देखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए थे। पुलिस और सुरक्षाबलों ने किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया था।
किसानों की मांगें क्या है?
किसानों की MSP समेत कई प्रमुख मांगें है। जिसको लेकर किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, एमएसपी वह रेट है जिस पर सरकार किसानों से उपज खरीदने का वादा करती है। देश में अनाज, दालें और तिलहन, धान आदि 22 फसलों के लिए एमएसपी हैं।
किसानों की प्रमुख मांगें हैं...
- किसानों और मजदूरों का कर्जा माफ होना चाहिए।
- 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम को लागू करने की मांग।
- यूपी के लखीमपुर में किसानों की गाड़ी से कुचलकर हत्या के मामले में कार्रवाई हो, आरोपियों को सजा होनी चाहिए।
- किसान, खेतिहर मजदूरों को पेंशन देने की मांग।
- दिल्ली में हुए किसान प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के लिए पेंशन व्यवस्था की जाए। साथ ही उस व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले।
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