भारी बारिश से तबाही: देहरादून में बादल फटने से 13 लोगों की मौत, 15 से अधिक लापता

उत्तराखंड के देहरादून में मंगलवार को बादल फटने से 13 लोगों की मौत हुई है। 15 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। स्थानीय प्रशासन, NDRF और SDRF की टीम राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।

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Sandeep Kumar
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उत्तराखंड के देहरादून में मंगलवार को मूसलाधार बारिश और बादल फटा, जिससे सहस्त्रधारा क्षेत्र में नदी पर उफान आ गया। इस घटना में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 15 से अधिक लोग लापता हैं और कई लोग घायल हुए हैं। स्थानीय प्रशासन, NDRF और SDRF की टीम राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। बताया जा रहा है कि अबतक 400 लोगों को रेस्क्यू करके बचा लिया गया है।

प्राकृतिक आपदा ने मचाई तबाही

भारी बारिश के बाद बादल फटने से टोंस नदी का जलस्तर बढ़ गया। तेज बहाव के कारण नदी के पास कई घर और दुकानों को नुकसान हुआ। नदी का उफान सड़क मार्गों को भी नष्ट कर दिया, जिससे आवागमन ठप हो गया। स्थानीय लोग इसे पिछले 10-15 वर्षों की सबसे भयंकर घटना मानते हैं। नदी का उफान अब तक का सबसे भीषण रूप दिखा, जिससे कई गांवों में नुकसान हुआ है।

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मौतों और लापता लोगों की संख्या

देहरादून में इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। परवल टोंस नदी ट्रॉली हादसे में 8 लोगों की मौत हुई। अन्य स्थानों पर कालसी के गज्जर गांव, धर्मावाला, डोईवाला और मसूरी डाइवर्जन में भी एक-एक व्यक्ति की जान गई। इस हादसे में 15 से अधिक लोग लापता हैं और राहत बचाव कार्य जारी है। कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।

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मवेशियों और घरों का नुकसान

सहस्त्रधारा के पास स्थित मजाडा गांव में स्थित एक घर में तीन लोग दब गए, जिनमें से एक का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका। इसके अलावा, मवेशियों के दबे होने की भी जानकारी मिली है। राहत टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा ले रहे हैं।

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सौंग-तमसा नदियों का रौद्र रूप

इस प्राकृतिक आपदा में सौंग नदी और तमसा नदी का रौद्र रूप भी सामने आया। मालदेवता क्षेत्र में सौंग नदी ने भयंकर रूप धारण कर लिया, जिससे देहरादून-मालदेवता-टिहरी मार्ग पूरी तरह से बह गया। इस क्षेत्र में जलप्रलय के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। स्थानीय लोग यह मानते हैं कि पिछले कई वर्षों में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई।

टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी तबाही

इस आपदा का असर टपकेश्वर महादेव मंदिर पर भी पड़ा है। तमसा नदी के उफान में शिवलिंग तक डूब गया, जिसके बाद प्रशासन ने मंदिर परिसर को खाली करवा लिया। नदी का उफान मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

घटनास्थल पर NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। अब तक 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। प्रशासन ने सभी राहत कार्यों को तेज़ी से चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

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मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने देहरादून और आसपास के जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 21 सितंबर तक मौसम की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और किसी भी अफवाह से बचने के लिए कहा है। इसके साथ ही स्कूलों को बंद कर दिया गया है और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया जारी है।

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