NEW DELHI. कल हुई भारी बारिश के कारण शहर के कई मैदानों, अंडरपास, बाजार और यहां तक कि अस्पताल परिसर में जलभराव हो गया और सड़कों पर भारी जाम लग गया। सोशल मीडिया पर सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरते लोगों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिसने शहर के जल निकासी बुनियादी ढांचे को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कई इलाकों में तेज हवा और बारिश के कारण बिजली और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
मौसम की पहली ‘बेहद भीषण बारिश’ दर्ज की गई
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार 9 जुलाई को 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से यहां जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी है। आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवा के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण बारिश हुई और दिल्ली में मौसम की पहली ‘बेहद भीषण बारिश’ दर्ज की गई।
1958 को यहां सर्वाधिक 266.2 मिमी बारिश हुई थी
आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग वैधशाला में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जो 25 जुलाई 1982 को एक दिन में दर्ज की गई 169.9 मिलीमीटर बारिश के बाद से सर्वाधिक है। अधिकारी के मुताबिक, शहर में 10 जुलाई 2003 को 133.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी और 21 जुलाई 1958 को यहां अब तक की सर्वाधिक 266.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
दिल्ली में बारिश को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी
मौसम विभाग ने दिल्ली में मध्यम बारिश का पूर्वानुमान लगाते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। रिज, लोधी रोड और दिल्ली विश्वविद्यालय के मौसम केंद्रों पर क्रमशः 134.5 मिलीमीटर, 123.4 मिलीमीटर और 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, 15 मिलीमीटर से कम बारिश ‘हल्की’, 15 मिलीमीटर से 64.5 मिलीमीटर ‘मध्यम’, 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर ‘भारी’ और 115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर ‘बेहद भारी’ बारिश की श्रेणी में आती है। वहीं, 204.4 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज होने पर इसे ‘बेहद भीषण’ बारिश की श्रेणी में रखा जाता है।