दावा: जमीन में हाईड्रोजन का भंडार, दुनिया को मिल सकती है 200 साल बिजली
वैज्ञानिकों का दावा, धरती के नीचे 6.3 लाख करोड़ टन हाइड्रोजन का भंडार है। इस भंडार के केवल 2 प्रतिशत हाइड्रोजन से 200 साल तक दुनिया की बिजली जरूरत पूरी होगी।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि धरती की सतह के नीचे हाइड्रोजन का विशाल भंडार मौजूद है। यह भंडार जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) की जरूरत को खत्म कर सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस भंडार का केवल 2% उपयोग करके पूरी दुनिया 200 साल तक ऊर्जा की जरूरत को पूरा कर सकती है। यह खोज ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
धरती के नीचे है हाइड्रोजन का भंडार
वैज्ञानिकों का दावा है कि धरती की सतह के नीचे 6.3 लाख करोड़ टन हाइड्रोजन मौजूद है। यह भंडार तेल के भंडार से 26 गुना ज्यादा है। USGS के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस हाइड्रोजन का केवल 2% हिस्सा उपयोग में लेकर पूरी दुनिया की ऊर्जा जरूरत को 200 साल तक पूरा किया जा सकता है।
कैसे बनता है हाइड्रोजन? जानिए पूरी प्रक्रिया
भूगर्भीय प्रक्रियाओं और केमिकल रिएक्शन के जरिए पत्थरों के बीच हाइड्रोजन बनता रहता है। पानी के विघटन (Split) से भी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन निकलते हैं। पश्चिमी अफ्रीका और अल्बानिया की खदानों में भारी मात्रा में हाइड्रोजन पाया गया है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इस पर स्टडी शुरू की और धरती के अंदर और भी भंडार होने की संभावना जताई।
FAQ
धरती के नीचे कितना हाइड्रोजन भंडार है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती के नीचे 6.3 लाख करोड़ टन हाइड्रोजन का भंडार है, जो तेल के भंडार से 26 गुना ज्यादा है।
इस हाइड्रोजन का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
इस हाइड्रोजन का उपयोग बिजली उत्पादन, ग्रीन एनर्जी, वाहन चलाने और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए किया जा सकता है।
हाइड्रोजन बनने की प्रक्रिया क्या है?
हाइड्रोजन भूगर्भीय केमिकल रिएक्शन और पानी के विघटन के जरिए बनता है। पत्थरों के बीच मौजूद तत्वों के साथ रासायनिक क्रियाओं से हाइड्रोजन उत्पन्न होता है।
कहां-कहां हाइड्रोजन का भंडार मिला है?
पश्चिमी अफ्रीका और अल्बानिया की क्रोमियम खदानों में भारी मात्रा में हाइड्रोजन पाया गया है।
क्या हाइड्रोजन फॉसिल फ्यूल की जगह ले सकता है?
हां, शोधकर्ताओं के अनुसार, हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन का एक स्वच्छ विकल्प है। इसकी 2% मात्रा से 200 वर्षों तक ऊर्जा की आपूर्ति की जा सकती है।