ISLAMABAD. पाकिस्तान में 8 अक्टूबर को हुए संसदीय और प्रांतीय चुनावों के लिए मतगणना अभी जारी है। चुनाव से पहले नवाज शरीफ की पार्टी को दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा था, लेकिन जेल के अंदर से चुनाव की कमान संभाल रहे इमरान खान ने सभी को चौंका दिया है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थित उम्मीदवार सबसे आगे चल रहे हैं, लेकिन दिलचस्प ये है कि वोटों की गिनती के बीच ही नवाज शरीफ और इमरान खान की पार्टी दोनों ने ही सरकार बनाने का दावा ठोंक दिया है।
नवाज शरीफ की पार्टी फिलहाल रेस में पीछे
इमरान की पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों ने सेना की पसंद माने जा रहे पीएमएलएन चीफ नवाज शरीफ की पार्टी को फिलहाल रेस में पीछे छोड़ दिया है। इमरान को जेल में रखने का एक मकसद उन्हें चुनावी दौड़ से दूर रखना भी माना जा रहा था, लेकिन रूझानों के मुताबिक उनकी पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों की जीत ने सेना के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। ऐसे में कयास लगने लगे हैं कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तानी सेना को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में 9 फरवरी अब एक महत्वपूर्ण तारीख बन गई है. देश परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है लेकिन चुनाव के नतीजों पर संशय बना हुआ है. पीटीआई समर्थित उम्मीदवार इंटरनेट पर रोक और निर्वाचन क्षेत्रों के लिए स्पष्ट निर्देशों की कमी जैसी चुनौतियों को पार करते हुए रेस में आगे हैं.
इमरान खान की पार्टी के निर्दलीय उम्मीदवार होंगे गेमचेंजर
चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के चुनाव चिह्न बैट को रद्द कर दिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी के उम्मीदवार निर्दलीयोंक के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। अब यही निर्दलीय सेना का गेम बिगाड़ सकते हैं। दरअसल चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों सांसद बनेंगे, जबकि निर्दलीयों के पास चुनाव के बाद किसी भी पार्टी में शामिल होने का विकल्प होगा। पाकिस्तान के एक पत्रकार का कहना है कि नियमों के तहत निर्दलीयों को एक महीने के भीतर किसी भी पार्टी में शामिल होना होगा। अगर ऐसा होता है तो पीटीआई के समर्थित उम्मीदवार इमरान खान के गठबंधन वाले किसी भी छोटे दल में शामिल होकर संसद तक पहुंच सकते हैं। इसके बाद उन्हें पार्टी की आरक्षित सीटें मिलेंगी। इसके बाद वे अपना अगला कदम उठा सकते हैं।
चुनाव की धांधलियां वायरल होने के डर से इंटरनेट बंद किया
आठ अक्टूबर को चुनाव के दिन देशभर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। इससे मतदाताओं को भारी असुविधा हुई। कराची के स्थानीय निवासली अजाब खान बताते हैं कि आठ अक्टूबर को सुबह सात बजे से ही मोबाइल नेटवर्क बंद हैं। दरअसल प्रशासन को डर था कि चुनाव में जो भी होगा, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाएगा इसलिए उन्होंने इंटरनेट बंद कर दिया। चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच आठ अक्टूबर की शाम को मतगणना शुरू हुई थी. लेकिन कई निर्वाचन क्षेत्रों में पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों के रेस में आगे होने की वजह से कई जगह मतगणना रोक दी गई थी. रिटर्निंग ऑफिसर के ऑफिस के बाहर बैठे पीटीआई के उम्मीदवार जरताज गुल ने बताया कि पुलिस ने मुझे रिटर्निंग ऑफिसर के ऑफिस से खींचकर बाहर निकाला. उन्होंने मुझे कार में बैठने को कहा. मुझे 82000 वोट मिले थे जबकि मेरे प्रतिद्वंद्वी को 26000 वोट मिले थे. मैं 40 हजार वोटों से आगे था. उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी जान को खतरा है. मैं समझ नहीं पाया कि मेरे साथ क्या हुआ.
पीटीआई की चुनावी टीम एआई से मतदाताओं तक पहुंच रही
पाकिस्तान की जनता ने आतंकियों को भी सिरे से खारिज किया है। हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद पीटीआई के समर्थित उम्मीदवार से चुनाव हार गए। पीटीआई के एक समर्थक अब्दुल हमीद का कहना है कि हम पीटीआई की सरकार चाहते हैं। हमें लगता है कि वे बेहतर कर सकते हैं। हमारी उनसे बहुत सी उम्मीदें हैं। कई मामलों में दोषी ठहराए गए इमरान खान जेल के भीतर से ही चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। पीटीआई की चुनावी टीम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और तकनीक का इस्तेमाल कर मतदाताओं तक पहुंच बना रही है। इमरान खान के भाषणों और बयानों को एआई टूल के जरिए प्रचारित किया जा रहा है और उनके भाषणों को वीडियो में तब्दील किया गया ताकि लोग अपने नेता से कट नहीं पाए।
इस तरह तकनीक और चुनावी रणनीति से इमरान खान की पार्टी एक तरह से सेना पर भारी पड़ती नजर आ रही है। अब ये चुनावी नतीजे साफ होने पर ही पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।