DELHI. केंद्र सरकार ने गुरुवार 9 फरवरी को बताया कि पिछले 12 सालों में 16 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर किसी दूसरे देश की सिटीजनशिप ले ली। इनमें से पिछले साल यानी 2022 में सबसे ज्यादा 2 लाख 25 हजार 620 लोगों ने नागरिकता छोड़ी है। वहीं सबसे कम सिटीजनशिप 85 हजार 256 लोगों ने 2020 में छोड़ी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में ये जानकारी दी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 2015 में 1 लाख 31 हजार 489 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी थी। साल 2016 में 1 लाख 41 हजार 603 और 2017 में 1 लाख 33 हजार 49 व्यक्तियों ने हिंदुस्तान की सिटीजनशिप छोड़ी थी। भारत सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि साल 2011 से अब तक के डेटा के मुताबिक 16 लाख 63 हजार 440 लोगों ने हिंदुस्तान की सिटीजनशिप छोड़ी।
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क्या रहा आकंड़ा?
जयशंकर के मुताबिक, 2011 से अब तक के डेटा के मुताबिक 16 लाख 63 हजार 440 लोगों ने हिंदुस्तान की सिटीजनशिप छोड़ी। साल 2018 में 1 लाख 34 हजार 561, 2019 में 1 लाख 44 हजार 17, 2020 में 85 हजार 256 और 2021 में 1 लाख 63 हजार 370 लोगों ने हिंदुस्तान की नागरिकता छोड़ी।
कांग्रेस सरकार में कितने लोगों ने नागरिकता छोड़ी?
पीटीआई के मुताबिक एस जयशंकर ने सदन में बताया संदर्भ के तौर पर मनमोहन सिंह सरकार के दौरान के आंकड़े भी बताए। उन्होंने कहा कि 2011 में 1 लाख 22 हजार 819, 2012 में 1 लाख 20 हजार 923, 2013 में 1 लाख 31 हजार 405 और 2014 में 1 लाख 29 हजार 328 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। साल 2011 से अब तक के डेटा के मुताबिक 16 लाख 63 हजार 440 लोगों ने हिंदुस्तान की सिटीजनशिप छोड़ी। जयशंकर ने संसद में उन 135 देशों की लिस्ट भी दी, जिस जगह की लोगों ने नागरिकता ली है। उन्होंने साथ ही बताया कि पिछले तीन साल में पांच व्यक्तियों ने संयुक्त अरब अमीरात की सिटीजनशिप ली है।