BHOPAL. बांग्लादेश और पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हिंदू-सिख शरणार्थियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदुओं और सिखों को कानूनी मान्यता देने की तैयारी कर ली है। इसी महीने से सीएए (Citizenship Amendment Act) लागू होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि 26 जनवरी से पहले अधिसूचित कर दिया जाएगा।
शरणार्थियों की तकदीर बदलेगी केंद्र सरकार!
केंद्र सरकार पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों की मदद करना चाहती है। ऐसे लोग, जो भारत में आकर बसना चाहते है। 26 जनवरी से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो सकता है। केंद्र सरकार का यह फैसला पड़ोसी देशों से आए शरणार्थियों की तकदीर बदल सकता है। रिपोर्ट की मानें तो 2014 तक भारत में पाकिस्तान-अफगानिस्तान से लगभग 32 हजार लोग आए हैं।
मुख्य बिंदु
नागरिकता संसोधन विधेयक 2019 (What is CAA) के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म वाले लोगो को नागरिकता दी जाएगी। नए विधेयक के अंतर्गत यह प्रावधान है की पड़ोसी देशों के अल्संख्यक अगर 5 साल से भारत में रह रहे हैं तो वे अब भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते है। पहले भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 11 साल भारत में रहना जरूरी था। प्रवासी, जो 31 दिसम्बर 2014 से भारत में अवैध रूप से रह रहे है अब भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
नागरिकता संशोधन कानून 2019 के बारे में जानिए
नागरिकता संशोधन कानून 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। पहले इन देशों से आए लोगों को भारत की नागरिकता पाने के लिए 11 साल यहां रहना रहते था, उसके बाद ही उन्हें नागरिता दी जाती है। लेकिन अब नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है।
अवैध प्रवासी कौन ?
नागरिकता कानून, 1955 के मुताबिक अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। इस कानून में उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज के बिना घुस आए हों या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हों लेकिन उसमें उल्लिखित अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक जाएं।
CAA में ये धर्म शामिल ?
CAA में तीनों पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के छह समुदायों - हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
26 जनवरी से पहले होगा अधिसूचित
- CAA, किसी व्यक्ति को खुद नागरिकता नहीं देता ।
- इसके जरिए पात्र व्यक्ति, आवेदन करने के योग्य बनता है।
- यह कानून उन लोगों के लिए , जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत पहुंचे।