3.5 लाख करोड़ डॉलर के पार हुई देश की GDP, अगले 5 साल में G-20 देशों में सबसे तेज बढ़ने वाली बनी रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था

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Rahul Garhwal
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3.5 लाख करोड़ डॉलर के पार हुई देश की GDP, अगले 5 साल में G-20 देशों में सबसे तेज बढ़ने वाली बनी रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था

पुनीत पांडेय, NEW DELHI. साल 2022 (कैलेंडर ईयर) में भारत की जीडीपी 3.5 लाख करोड़ डॉलर पार हो गई है। इतना ही नहीं भारत की अर्थव्यवस्था अगले 5 साल में जी-20 देशों में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। ये जानकारी अमेरिका की रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में दी है। हालांकि मूडीज ने ब्यूरोक्रेसी और निर्णयों को लेकर होने वाली लेटलतीफी पर भी चेतावनी दी है। भारत की जीडीपी साल 2021 में 3.18 लाख करोड़ डॉलर थी।



2018 में 2.23 लाख करोड़ डॉलर थी देश की GDP



साल 2018 में भारत की जीडीपी 2.23 लाख करोड़ डॉलर थी। पिछले 5 साल में इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2019 में ये 234 लाख करोड़ डॉलर हो गया, लेकिन कोरोना के कारण 2020 में ये घटकर 220 लाख करोड़ रह गया था। इसके बाद 2021 में इसमें जोरदार उछाल देखने को मिला और ये 264 लाख करोड़ डॉलर हो गया। साल 2022 में इसमें 32 फीसदी से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया और ये 350 लाख करोड़ के आगे निकल गया।



तेज शहरीकरण है ग्रोथ का कारण



मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में तेज शहरीकरण से घर, सीमेंट और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बढ़ेगी जो ग्रोथ को आगे ले जाएगी। इसके साथ ही भारत में काफी बड़ी और पढ़ी-लिखी वर्क फोर्स है, जो ग्रोथ के लिए जरूरी मैन पावर सप्लाई कर रही है।



ब्यूरोक्रेसी की लेटलतीफी को लेकर चेतावनी



मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में देश में ब्यूरोक्रेसी पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा है कि ब्यूरोक्रेसी की लेटलतीफी के कारण देश को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर असर डालने वाले कारण, लाइसेंस मिलने में देरी, कारोबार शुरू करने की लंबी प्रक्रिया मुख्य है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुधार प्रक्रिया में देरी से निवेश प्रभावित हो सकता है। मूडीज ने कहा है कि इन दिक्कतों के कारण इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे दूसरे देश इसका फायदा उठा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का मैन्युफैक्चरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर 3 से 12 फीसदी की दर से प्रगति करेगा। इतने के बाद भी भारत 2030 तक चीन से पीछे रहेगा। रीजनल ट्रेड एग्रीमेंट्स को लेकर भारत के सीमित रवैये से भी देश में विदेशी निवेश पर असर पड़ेगा।



इन कदमों की की सराहना



भारत सरकार के भ्रष्टाचार को कम करने के प्रयासों, आर्थिक गतिविधियों को औपचारिक रूप देने और टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के प्रयास अच्छे हैं। लेकिन इनके पूरी तरह सफल होने पर भी रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं। मूडीज ने कहा कि अगर पिछले 5 सालों में उठाए गए कदमों को सही तरीके से लागू किया जाएं तो आर्थिक विकास तेज हो सकता है। पिछले 5 सालों में लेबर लॉज, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को बढ़ावा और फाइनेंशियल सेक्टर को मजबूत करने जैसे कदम उठाए गए हैं।



दुनिया की 10 बड़ी इकोनॉमी




  • यूएसए - 20.94 ट्रिलियन डॉलर


  • चीन - 14.72 ट्रिलियन डॉलर

  • जापान - 5.05 ट्रिलियन डॉलर

  • जर्मनी - 3.84 ट्रिलियन डॉलर

  • भारत - 3.50 ट्रिलियन डॉलर

  • यूनाइटेड किंगडम - 2.76 ट्रिलियन डॉलर

  • फ्रांस - 2.63 ट्रिलियन डॉलर

  • इटली - 1.88 ट्रिलियन डॉलर

  • कनाडा - 1.64 ट्रिलियन डॉलर

  • दक्षिण कोरिया - 1.63 ट्रिलियन डॉलर



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    भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर क्या कहा गया



    इस साल की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बुलेटिन जारी कर कहा था कि साल 2023 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आरबीआई ने ये भी कहा था कि भारत 3.7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा जो यूके से एक पायदान ऊपर रहेगा। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मॉनीटरी फंड (आईएमएफ) का कहना है कि साल 2025 में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके बाद भी भारत की प्रगति रुकेगी नहीं। साल 2027 के लिए आईएमएफ कहता है कि भारत की अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर होगी। तब भारत की इकोनॉमी का साइज 5.4 ट्रिलियन डॉलर होगा।


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