देश में फैलते H3N2 वायरस को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट, आज नीति आयोग की राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के साथ बैठक

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Atul Tiwari
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देश में फैलते H3N2 वायरस को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट, आज नीति आयोग की राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के साथ बैठक

NEW DELHI. देश में H3N2 इन्फ्लूएंजा संक्रमण जानलेवा हो गया है। हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मरीज की मौत हुई है। अब तक H3N2 समेत विभिन्न फ्लू से संक्रमित 3 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं। इनमें से 1,245 मरीज जनवरी में मिले थे। फरवरी में 1,307 और एक से नौ मार्च तक 486 मरीज मिले। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों को बढ़ते संक्रमण को लेकर सतर्कता और लगातार निगरानी के निर्देश दिए हैं। आज यानी 11 मार्च को नीति आयोग की राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के साथ बैठक होगी। देश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामले तेजी से बढ़ने के बाद कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) ने भी आज आंतरिक बैठक बुलाई है।



स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि राज्य निगरानी अधिकारी जनस्वास्थ्य की इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कोविड सतर्कता नियमों का पालन करते हुए इससे बचा जा सकता है।



10 लाख से ज्यादा लोग मौसमी फ्लू की चपेट में, लेकिन अब कमी आएगी



इस साल करीब 10 लाख से ज्यादा लोग तीव्र श्वसन बीमारी/इन्फ्लूएंजा (एआरआई/आईएलआई) की चपेट में आए हैं। जनवरी में 3 लाख 97 हजार 814 और फरवरी में 4 लाख 36 हजार 523 और मार्च के पहले हफ्ते में 1 हजार 33 हजार 412 संक्रमित हुए। इस साल जनवरी में 7041, फरवरी में 6919 और 9 मार्च तक 1866 मरीजों को भर्ती करना पड़ा। जिन युवा, बच्चे और बुजुर्गों को अन्य बीमारियां भी हैं, उन्हें ज्यादा सावधानी की जरूरत है।



केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मरीज आ रहे हैं। एच3एन2 संक्रमण बढ़ता भी दिखा था। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि मार्च के अंत तक संक्रमण के प्रसार में कमी आ सकती है। 



राज्यों के पास एच3एन2 की दवा पर्याप्त  



केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 मार्च को बताया कि सरकार एच3एन2 के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की ओर से बताई गई दवा ओसेल्टामिविर फ्री में उपलब्ध कराती है। राज्यों के पास इस दवा का पर्याप्त भंडार है। मंत्रालय का कहना है, वास्तविक समय के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के जरिये मौसमी इन्फ्लूएंजा की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मौसमी इन्फ्लूएंजा सांस में होने वाला इन्फेक्शन है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के दो पीक देखे जा रहे हैं, जिनमें से एक जनवरी से मार्च और दूसरा मॉनसून के बाद दिखाई देता है। ऐसे में उम्मीद है कि मार्च के अंत तक संक्रमण के इन मामलों में कमी आ सकती है।



केंद्र-राज्य मिलकर काम कर रहे



केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, देश में एच3एन2 के बढ़ते मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की। राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है। 



2 राज्यों में दो मौतें



कर्नाटक के हासन जिले में एच3एन2 से संक्रमित हिरे गौड़ा (82) की एक मार्च को मौत हुई थी। वह डायबिटीड से पीड़ित थे। जबकि, हरियाणा के रोहतक में 8 फरवरी को कैंसर से पीड़ित 56 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई थी।


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