कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताई Operation Sindoor की इनसाइड स्टोरी

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों के 9 ठिकानों पर मिसाइल से हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई।

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Sourabh Bhatnagar
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भारत ने मंगलवार की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसे  operation sindoor नाम दिया गया। इसको भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने मिलकर अंजाम दिया। ऑपरेशन का उद्देश्य सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकना और भारत को लगातार आतंकवादी हमलों से बचाना था। इसको लेकर सेना ने एक प्रेस ब्रीफिंग भी की। इस दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और दो महिला अधिकारी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस ऑपरेशन की जानकारी दी।

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत

इस प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, विक्रम मिस्री ने भारत पर हुए प्रमुख आतंकवादी हमलों की क्लिपिंग दिखाई, जैसे कि 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला, उरी, पुलवामा, और पहलगाम हमले। विक्रम मिस्री ने इन हमलों को लेकर पाकिस्तान के कायराना रुख की निंदा की और कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित शरणस्थल बना हुआ है, जहां उन्हें सजा से बचने का मौका मिलता है।

विक्रम मिस्री ने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा यह संकेत मिल चुका था कि भारत पर आतंकवादी हमले हो सकते हैं, और इन्हें रोकने की आवश्यकता थी। इसी कारण, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का आरंभ किया, जिससे आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को समाप्त किया जा सके और संभावित आतंकियों को नष्ट किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई नपी-तुली, गैर-उकसावी और जिम्मेदारीपूर्ण थी, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करना था।

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कर्नल सोफिया कुरैशी का बयान

भारतीय सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, हमने 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हमलों का उद्देश्य उन आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था, जहां से हमलों की योजना बनाई जाती थी। उन्होंने कहा, ऑपरेशन देर रात 1:05 बजे शुरू हुआ और लगभग आधे घंटे तक चला। इसमें पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप और जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी शामिल था।

पाकिस्तान के आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ने के लिए कार्रवाई

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस ऑपरेशन की सफलता के बारे में बताया और कहा कि पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट के बाद यह कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि मुजफ्फराबाद में स्थित लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर निशाना बना, जहां आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। इसके अलावा, पाकिस्तान के बरनाला और सियालकोट कैंपों को भी नष्ट किया गया।

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इन 9 जगहों पर स्ट्राइक

इस ऑपरेशन के दौरान, भारत ने 9 महत्वपूर्ण जगहों को निशाना बनाया। इनमें बहावलपुर के दो ठिकाने, मुरीदके, मुजफ्फराबाद, कोटली, गुलपुर, भिंबर, चक अमरू और सियालकोट के आतंकी ठिकाने शामिल थे।

भारत ने इस कार्रवाई के दौरान यह साफ किया है कि पाकिस्तान की सेना के किसी भी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। ऑपरेशन का उद्देश्य केवल आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करना था, जिससे आतंकवादी समूहों को अपने ठिकानों से काम करने का मौका न मिले।

ऑपरेशन सिंदूर के बारे में शॉर्ट में

  • सैन्य ठिकानों पर हमला नहीं: इस ऑपरेशन में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।

  • नागरिकों की सुरक्षा: ऑपरेशन के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई और नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान नहीं हुआ।

  • आतंकी शिविरों का सफाया: 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।

  • सैन्य कार्रवाई की जिम्मेदारी: भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई को पूरी तरह से जिम्मेदारीपूर्वक और नाप-तोलकर किया।

FAQ

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर की गई एक एयरस्ट्राइक है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को आतंकवादी हमलों से बचाना और आतंकवादियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करना था।
पाकिस्तान के कौन से आतंकवादी ठिकाने नष्ट किए गए?
इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेंटर, बरनाला कैंप और सियालकोट में स्थित महमूना कैंप को नष्ट किया गया। इसके अलावा, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर में भी निशाना बना।
क्या इस ऑपरेशन सिंदूर में नागरिकों को कोई नुकसान हुआ?
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी भी नागरिक को कोई क्षति नहीं हुई है। यह पूरी कार्रवाई केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित थी और सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।

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