मार्च में ही बुरा हाल! केरल में भीषण गर्मी शुरू, 54 डिग्री पहुंचा तापमान, गोवा में भी स्कूलों को दोपहर से बंद करने का निर्देश

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Atul Tiwari
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मार्च में ही बुरा हाल! केरल में भीषण गर्मी शुरू, 54 डिग्री पहुंचा तापमान, गोवा में भी स्कूलों को दोपहर से बंद करने का निर्देश

THIRUVANANTHPURAM. मार्च के महीने के अभी 10 दिन ही बीते हैं, लेकिन केरल में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है। कुछ महीने पहले बेतरतीब बारिश झेलने वाले केरल के कुछ हिस्सों में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है। इसके चलते लोगों को अभी से चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। 



केरल स्टेट आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (KSDMA) ने 9 मार्च को तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा कि दक्षिणी राज्य के कुछ क्षेत्रों में 54 डिग्री सेल्सियस को पार गया है। तापमान बेहद जोखिम भरा है, क्योंकि आने वाले दिनों में इसके चलते गंभीर बीमारियां और हीट स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। एजेंसी के मुताबिक, केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के दक्षिणी हिस्से और अलप्पुझा, कोट्टयम, कन्नूर जिलों के कुछ क्षेत्रों में 54 डिग्री से ज्यादा टेम्परेचर दर्ज किया गया है। KSDMA के मुताबिक, इन जगहों पर लंबे समय तक बाहर रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। दूसरी ओर भीषण गर्मी के अलर्ट के चलते गोवा में स्कूलों को दोपहर तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। 



गोवा में पड़ेगी तेज गर्मी



भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, उत्तरी गोवा और दक्षिण गोवा में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 11 मार्च के बाद से अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है। इस दौरान लोगों को घरों के अंदर रहने और पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी गई है। आईएमडी ने इस साल भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है। गोवा के शिक्षा निदेशक शैलेश झिंगाड़े ने बताया कि लू के अलर्ट के चलते प्रदेश के सभी प्राइमरी, मिडिल, सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्कूलों को 9 और 10 मार्च को 12 बजे से दोपहर की कक्षाओं को बंद रखने का आदेश दिया गया है। 



हीट स्ट्रोक क्या है?



हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक को आम भाषा में 'लू लगना' बोलते हैं। ये तब होता है, जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता। हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता। जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता। हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे ज्यादा हो सकता है। समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है। 



हीट स्ट्रोक के कारण 



ज्यादा गर्म जगह पर लंबे समय तक रहना लू लगने या हीट स्ट्रोक का कारण बन सकता है। अगर कोई ठंडे मौसम से अचानक से गर्म जगह पर जाता है तो उसे भी हीट स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। गर्म मौसम में ज्यादा एक्सरसाइज करना भी हीट-स्ट्रोक का मुख्य कारण है। गर्मी में ज्यादा पसीना आने के बाद पर्याप्त पानी ना पीने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। अगर कोई ज्यादा शराब का सेवन करता है तो शरीर टेम्परेचर सही करने की ताकत खो देता है। यह भी लू लगने का कारण हो सकता है। अगर आप गर्मी में ऐसे कपड़े पहनते हैं, जिनसे की पसीना और हवा पास नहीं हो रही है तो यह भी हीट-स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

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