अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने हाल ही में ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ (One Big, Beautiful Bill Act) को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्तावित कानून के तहत अमेरिका में काम करने वाले विदेशी नागरिकों द्वारा अपने मूल देश भेजी जाने वाली रकम पर 3.5% टैक्स लिया जाएगा। प्रारंभिक ड्राफ्ट में यह दर 5% रखी गई थी, लेकिन संसोधन के बाद इसे घटा दिया गया।
1 जनवरी 2026 से होगा लागू
यदि यह विधेयक सीनेट में भी पारित हो गया, तो यह कानून 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा। इसका सबसे गहरा असर भारत पर पड़ सकता है क्योंकि अमेरिका से सबसे अधिक रेमिटेंस भारत को ही प्राप्त होता है। यह नया टैक्स नियम भारत की अर्थव्यवस्था, रियल एस्टेट, उपभोक्ता खर्च और स्टॉक मार्केट को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकता है।
रेमिटेंस टैक्स का भारत पर प्रभाव
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत को कुल रेमिटेंस: $130 बिलियन
अमेरिका से प्राप्त हिस्सा: $30 बिलियन (यानी 23.4%)
3.5% टैक्स लागू होने पर कुल टैक्स बोझ: $1.05 बिलियन (लगभग ₹8,750 करोड़)
भारत को अमेरिका से सबसे अधिक रेमिटेंस क्यों मिलता है?
अमेरिका में लगभग 45 लाख भारतीय मूल के लोग काम करते हैं।
इन प्रवासियों में बड़ी संख्या में आईटी पेशेवर, चिकित्सक, व्यवसायी और छात्र शामिल हैं।
ये प्रवासी नियमित रूप से भारत में अपने परिवारों और निवेशों के लिए पैसा भेजते हैं, जो रेमिटेंस का मुख्य स्रोत बनता है।
क्यों लगाया टैक्स
- यह टैक्स अमेरिका को अतिरिक्त राजस्व देने का जरिया बनेगा।
- यह नीति ट्रम्प की "Make America Great Again" (MAGA) रणनीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भीतर से मजबूत करना है।
- केवल भारत से भेजे गए $30 बिलियन रेमिटेंस पर 3.5% टैक्स से अमेरिकी सरकार को लगभग $1.05 बिलियन का सीधा फायदा होगा।
‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ यदि सीनेट से भी पारित हो जाता है, तो यह न केवल प्रवासी भारतीयों पर वित्तीय दबाव बनाएगा, बल्कि भारत की आर्थिक स्थिति पर भी प्रत्यक्ष प्रभाव डालेगा। अमेरिका से आने वाली यह रकम देश के कई क्षेत्रों में खपत और निवेश को
प्रोत्साहित करती है, और उस पर टैक्स का भार अर्थव्यवस्था की गति को धीमा कर सकता है।
ये भी पढ़ें:
iPhones पर लगेगा 25% टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर Apple Inc को निशाने पर लेते हुए बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि Apple अपने आईफोन (iPhones) का निर्माण भारत या किसी अन्य देश में करता है और उन्हें अमेरिका में बेचता है, तो कंपनी को 25% आयात शुल्क (Import Tariff) चुकाना होगा।
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने यह बयान अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Truth Social’ पर साझा किया और दावा किया कि उन्होंने Apple के सीईओ टिम कुक से स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhones अब अमेरिका में ही बनाए जाएं।
यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। ट्रंप की यह टिप्पणी उस दौरान आई है जब ‘reciprocal tax’ यानी पारस्परिक कर व्यवस्था पर 90 दिनों की अस्थायी रोक लगी हुई है। ट्रंप की इस घोषणा को भारत के साथ चल रही बातचीत पर रणनीतिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है।