केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा बयान, बोले- नेता-मंत्री जहां घुसते हैं, आग लगा देते हैं

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने धर्म और राजनीति के खतरनाक मेल पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नेता-मंत्री जहां घुसते हैं, आग लगा देते हैं। जानें उन्होंने ऐसा क्यों कहा...

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Amresh Kushwaha
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भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में आयोजित महानुभाव पंथ के सम्मेलन में एक बड़ा बयान दिया। गडकरी ने कहा कि, जहां भी नेता और मंत्री जाते हैं, वहां बिना आग लगाए नहीं रहते। उनके अनुसार, यदि सत्ता के हाथ में धर्म को दिया जाता है तो इसका नतीजा बुरा ही होता है। उनका मानना है कि धर्म, समाज कार्य और राजनीति, तीनों अलग-अलग चीजें हैं। इन्हें एक साथ मिलाना ठीक नहीं है।

आग लगाने से नहीं बच सकते नेता-मंत्री

रविवार, 31 अगस्त को नागपुर में आयोजित महानुभाव पंथ के सम्मेलन में गडकरी ने कहा कि धर्म के काम से मंत्री-नेताओं को दूर रखें। राजनीतिज्ञ जहां घुसते हैं, आग लगाए बिना नहीं रहते। उनके इस बयान का मतलब साफ था कि सत्ता में बैठे लोग धर्म का उपयोग राजनीति के लिए करते हैं, जो समाज और देश के लिए हानिकारक हो सकता है।

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धर्म और राजनीति का मेल, एक खतरनाक गठजोड़

गडकरी ने यह भी कहा कि यदि धर्म को राजनीति में मिला दिया जाए, तो इसके परिणाम समाज के लिए हानिकारक हो सकते हैं। उनका मानना है कि धर्म व्यक्तिगत श्रद्धा का विषय है, और इसका उपयोग केवल व्यक्तिगत रूप से किया जाना चाहिए। राजनीतिज्ञों के जरिए धर्म का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने से विकास और रोजगार जैसे जरूरी मुद्दे दोयम दर्जे (Second grade) के हो जाते हैं। यह राजनीति की असलियत को उजागर करता है कि सत्ता की राजनीति में धर्म का दुरुपयोग हो सकता है।

धर्म और राजनीति पर नितिन गडकरी के बयान पर एक नजर

  1. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में महानुभाव पंथ सम्मेलन में कहा कि धर्म और राजनीति का मेल समाज के लिए हानिकारक हो सकता है।

  2. गडकरी ने नेताओं और मंत्रियों से धर्म के कार्यों से दूर रहने की अपील की, यह कहते हुए कि राजनीतिज्ञ धर्म का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करते हैं।

  3. गडकरी ने चक्रधर स्वामी के आदर्शों का जिक्र किया और सत्य, अहिंसा, शांति, मानवता और समानता जैसे मूल्यों को जीवन में अपनाने की सलाह दी।

  4. गडकरी ने कहा कि बोलना आसान है, लेकिन वास्तविकता में उसे करना कठिन है, और अच्छे नेता वही होते हैं जो दूसरों को अच्छे से मूर्ख बना सकें।

  5. गडकरी ने शॉर्टकट अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी, यह कहते हुए कि ऐसा करने से मंजिल अधूरी रह जाती है और हमेशा हानि होती है।

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चक्रधर स्वामी के आदर्शों से लें प्रेरणा

गडकरी ने महानुभाव पंथ के संस्थापक चक्रधर स्वामी की शिक्षाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि स्वामी की शिक्षाएं सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गडकरी का मानना है कि किसी भी व्यक्ति में बदलाव उसके संस्कारों से आता है। चक्रधर स्वामी ने सत्य, अहिंसा, शांति, मानवता और समानता जैसे मूल्य सिखाए हैं। इन्हें हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

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गडकरी की 3 बड़ी बातें

  1. बोलना आसान, करना कठिन
    गडकरी ने कहा कि बोलना आसान है, लेकिन वास्तविकता में उसे करना बहुत कठिन है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार वह महसूस करते हैं कि जिन क्षेत्रों में वह काम कर रहे हैं, वहां सच बोलने की मनाही होती है।

  2. जो अच्छा मूर्ख बनाता है, वही अच्छा नेता
    गडकरी ने राजनीति के बारे में एक दिलचस्प बात कही। उनका कहना है कि जो लोग दूसरों को अच्छे से मूर्ख बना सकते हैं, वही असल में अच्छे नेता होते हैं। राजनीति में यह खासियत बहुत काम आती है।

  3. शॉर्टकट से मंजिल अधूरी रह जाती है
    गडकरी ने यह भी कहा कि कई लोग शॉर्टकट अपनाने की कोशिश करते हैं, जैसे लाल सिग्नल तोड़ना या छलांग लगाना, लेकिन ऐसा करने से मंजिल अधूरी रह जाती है। उनके अनुसार, शॉर्टकट के रास्ते हमेशा हानि ही पहुंचाते हैं।

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गडकरी के पिछले चर्चित बयान

गडकरी के बयान अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। उन्होंने 9 अगस्त को कहा था कि दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए, जबकि 14 जुलाई को उन्होंने कहा था कि समाज में ऐसे लोग होने चाहिए जो सरकार के खिलाफ केस कर सकें। उन्होंने यह भी कहा था कि अदालतों के आदेश कई बार ऐसे काम करवा देते हैं, जो सरकार नहीं कर सकती। 15 मार्च को गडकरी ने कहा था कि, जो धर्म और जाति की बात करेगा, उसे मैं लात मारूंगा।

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