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मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को नया आयाम देने वाली एक ऐतिहासिक परियोजना ने अब रफ्तार पकड़ ली है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद आगरा-ग्वालियर 6-लेन हाईस्पीड कॉरिडोर जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है।
इस परियोजना का उद्देश्य केवल यात्रा के समय को कम करना नहीं है, बल्कि क्षेत्र के औद्योगिकीकरण और आर्थिक विकास को नई दिशा देना है। इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दे दी है ।
119 किमी की दूरी 45 मिनट में होगी पूरी
आगरा से ग्वालियर तक की 119 किलोमीटर की दूरी को महज 45 मिनट में तय करने की योजना के साथ यह परियोजना एक बहुत बड़ा विकासात्मक कदम साबित होगी। इस परियोजना की कुल लागत 4 हजार 613 करोड़ रुपए अनुमानित की गई है। वहीं इसका निर्माण अगले 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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6-लेन सड़क: यह राजमार्ग 6 लेन का होगा। इसमें दोनों दिशाओं में तीन-तीन लेन होंगी। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होगी।
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हाईस्पीड डिजाइन: इस सड़क को 120 किमी/घंटा की गति के लिए डिजाइन किया जाएगा। इससे यात्रा समय में भारी कमी आएगी।
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सुरक्षा और सुविधाएं: आधुनिक टोल प्लाजा, रेस्ट एरिया, और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष प्रावधान होंगे।
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पर्यावरण संरक्षण: ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट होने के कारण पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
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हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
आगरा-ग्वालियर 6-लेन हाईस्पीड कॉरिडोर न केवल यात्रा समय को कम करेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देगा। इस परियोजना के प्रमुख लाभ हैं:
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पर्यटन को बढ़ावा: आगरा, जहां ताजमहल स्थित है, और ग्वालियर, जो ऐतिहासिक किलों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, अब और बेहतर तरीके से जुड़ जाएंगे। इससे दोनों शहरों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
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औद्योगिकीकरण: ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी से निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा।
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रोजगार के अवसर: सड़क निर्माण और इसके आसपास के बुनियादी ढांचे से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
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आर्थिक विकास: व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को माल की त्वरित आपूर्ति में आसानी होगी। इससे व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
चंबल क्षेत्र की बनने वाला है लाइफलाइन- सिंधिया
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस परियोजना को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को प्रस्ताव दिया था। सिंधिया ने हाल ही में ग्वालियर में एक कार्यक्रम में कहा, यह कॉरिडोर न केवल ग्वालियर, बल्कि पूरे चंबल क्षेत्र की लाइफलाइन बनने वाला है।
ग्वालियर को मिली अन्य विकास परियोजनाएं
सिंधिया ने ग्वालियर की कनेक्टिविटी में क्रांति लाने वाली अन्य परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ग्वालियर-बेंगलुरु ट्रेन सेवा से यात्रियों का समय 6-8 घंटे बचा है। इसके अलावा, ग्वालियर बाईपास, एलिवेटेड सड़क और अटल प्रोग्रेस-वे जैसी परियोजनाएं ग्वालियर को मध्य भारत के परिवहन हब के रूप में स्थापित कर रही हैं।
परियोजनाओं को लेकर सियासत गर्म
कांग्रेस ने इस परियोजना पर सवाल उठाया है और बीजेपी पर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, बीजेपी और सिंधिया जी के वादों को अब तक धरातल पर नहीं उतारा गया है।हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह परियोजना प्रदेश और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
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