दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भरने वाली इंडिगो फ्लाइट 6E2142 में बुधवार को अचानक 30,000 फीट की ऊंचाई पर भारी टर्ब्युलेंस और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया। जैसे ही विमान श्रीनगर के करीब पहुंचा, मौसम खराब होने लगा और विमान जोर-जोर से हिलने लगा। यात्रियों के लिए यह बेहद डरावना अनुभव था, क्योंकि विमान का ‘नोज कोन’ (आगे का हिस्सा) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
विमान के हिलने से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। लोग चीखने और सहमति के लिए बिलकने लगे। विमान में बैठे एक यात्री ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें ओले विमान की बाहरी सतह से टकराते हुए और विमान के तेज हिलने की झलक साफ देखी जा सकती है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और यात्रियों के डर को दिखाता है।
पायलट ने दी आपात स्थिति की सूचना
मौसम खराब होते ही पायलट ने तुरंत श्रीनगर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को आपात स्थिति की जानकारी दी। इस दौरान विमान में सवार 220 से अधिक लोग थे। पायलट की तत्परता और नियंत्रण से विमान सुरक्षित तरीके से श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतारा गया।
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तुरंत सुनिश्चित की गई सुरक्षा
इंडिगो एयरलाइंस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मौसम के कारण विमान को झटका लगा, लेकिन सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। एयरलाइन ने बताया कि विमान की जांच कराई जा रही है और भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी।
TMC के नेता थे फ्लाइट में
यात्रियों के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पांच नेता भी मौजूद थे। इन नेताओं में से एक सांसद सागरिका घोष ने बताया कि उस वक्त उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मौत उनके करीब है। उन्होंने कहा- जिंदगी थम सी गई थी। लोग चीख रहे थे और प्रार्थना कर रहे थे। मैं उस पायलट को सलाम करती हूं जिसने हमारी जान बचाई।
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क्या है टर्बुलेंस
विमान में टर्बुलेंस का मतलब होता है हवा के प्रवाह में अचानक आई बाधा जो विमान की उड़ान को प्रभावित करती है। जब ऐसा होता है, तो विमान अस्थिर होकर अनियमित तरीके से ऊपर-नीचे हिलने लगता है और अपने सामान्य मार्ग से हट जाता है। इसे ही टर्बुलेंस कहा जाता है। कई बार टर्बुलेंस के कारण विमान अचानक ऊंचाई में कुछ फीट की गिरावट भी अनुभव कर सकता है।
सामान्य होता है टर्बुलेंस
टर्बुलेंस की वजह से यात्रियों को ऐसा महसूस हो सकता है कि विमान गिरने वाला है, जबकि वास्तव में यह एक सामान्य घटना है। टर्बुलेंस के दौरान विमान का अनुभव उबाड़-खाबड़ सड़क पर गाड़ी चलाने जैसा होता है। कुछ टर्बुलेंस हल्के होते हैं, तो कुछ अधिक तीव्र और चुनौतीपूर्ण भी हो सकते हैं।
विमान को स्थिर उड़ान के लिए विंग के ऊपर और नीचे से हवा का समान और नियमित बहाव जरूरी होता है। लेकिन मौसम की बदलती परिस्थितियों या अन्य कारणों से हवा में अनियमितता आ सकती है, जिससे हवा के बीच एयर पॉकेट्स बन जाते हैं और विमान को टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है।