/sootr/media/post_banners/57159026d56329d1bd843f955b505285f43e57acfb293adc34315784986e5856.jpeg)
NEW DELHI. आज यानी 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे होता है। तनावभरी दुनिया में आज जो चीज सबसे ज्यादा मुश्किल हो गई है, वो है खुशी। संसाधन जुटाने की होड़ में खुशी काफूर होती जा रही है। भारत समेत कई विकासशील देशों में ये थोड़ा परेशानी भरा है। स्कैंडेनेवियाई देश फिनलैंड खुशी के मामले में अव्वल है। हैप्पीनेस इंडेक्स 2022 के मुताबिक, भारत 125वें पायदान पर है। भारत इस लिस्ट में पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पीछे है। पाकिस्तान 108वें नंबर पर है। इस लिस्ट में बांग्लादेश 102वें और चीन 64वें स्थान पर है। सबसे कम खुशहाली वाले देशों में अफगानिस्तान (136वें)है। जानते हैं कि फिनलैंड अपने लोगों को किस तरह की सुविधाएं देता है...
फिनलैंड में एजुकेशन-हेल्थ केयर मुफ्त है
दुनिया के अधिकांश गरीब और मध्यम आय वाले देशों में आम लोगों की सबसे बड़ी समस्या महंगी शिक्षा, महंगा इलाज, महंगा परिवहन और रोज महंगी होती खान-पान की चीजों का इंतजाम करना होता है। फिनलैंड जैसे स्कैंडेनेवियन क्षेत्रों के देशों में सिस्टम काफी अलग है। यहां एजुकेशन, हेल्थकेयर जैसी चीजें लोगों के लिए सरकार की ओर से या तो एकदम फ्री हैं या ये चीजें फिर बिल्कुल ही कम कीमतों पर उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा सुरक्षा के बेहतर इंतजाम, अच्छी पुलिसिंग, मानवाधिकार की बेहतर निगरानी, हाई इनकम, लो करप्शन जैसी चीजें कड़े कानून और मजबूत सिस्टम के साथ सुनिश्चित की जाती हैं। फिनलैंड की 90% से ज्यादा आबादी की जिंदगी हर नजरिए से बैलेंस्ड मानी जाती है।
फिनलैंड में मां-पिता बनने पर देश केयर करता है
फिनलैंड में महिला के मां बनने पर उसे सरकार की ओर से एक 'न्यू बेबी बॉक्स' गिफ्ट किया जाता है, जिसमें एक साल तक बच्चे के काम आने वाले 63 प्रोडक्ट होते हैं। इस गिफ्ट बॉक्स बच्चे के लिए डाइपर के अलावा पहले दो-तीन महीने तक कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं होती। फिनलैंड और अन्य नॉर्डिक देशों में डिलीवरी के वक्त 10 महीने की पेरेंट्स लीव मिलती है। पिता बनने पर पुरुषों को भी 9 हफ्ते की पैटरनिटी लीव मिलती है। बच्चे के जन्म के बाद उसके दोनों पेरेंट्स को पहले 3 हफ्ते की छुट्टी अनिवार्य रूप से मिलती है, जबकि इसके बाद भी बच्चे के 9 महीने के होने तक माता-पिता में से किसी एक को जरूरी तौर पर छुट्टी मिलनी सुनिश्चित कराई जाती है। बच्चे के तीन साल का होने तक मां-बाप के पास बिना नौकरी खोए स्टे होम फैसिलिटी का फायदा उठाने का ऑप्शन होता है।
खुश रहने का भूटान मॉडल
एशिया का छोटा-सा यह देश भौतिकवाद से दूर नैतिक मूल्यों के आधार पर जीवन जीता है और खुश रहता है। कई साल साल पहले एक रिपोर्टर ने मुंबई एयरपोर्ट पर भूटान के सम्राट जिग्मे सिग्मे वांग्चुक से जब पूछा था कि आपके देश की GDP (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद) इतनी कम क्यों है, इस पर उनका जवाब था, 'हम GDP नहीं GNH (ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस) से देश चलाते हैं। भूटान में ये खास है...
1. भूटान दुनिया के गरीब देशों में से एक माना जाता है, लेकिन खुशी के मामले में यह अव्वल है।
2. यहां भौतिकवादी विकास की बात नहीं की जाती, 21वीं सदी के दूसरे दशक तक यहां केबल टीवी या डिश एंटेना नहीं था
3. भूटान में नैतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्थान को अहम माना जाता है।
4. यहां हैपिनेस इंडेक्स को 4 आधार पर मापा जाता है, सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण, पर्यावरण का संरक्षण, सतत विकास और बेहतर प्रशासन।
खुश रहने की 7 टिप्स
1. किसी के साथ अपनी तुलना ना करें
अक्सर ऐसा होता है कि आप अपने आपको अपने दोस्त, सहकर्मी या फैमिली के अन्य लोगों से कंपेयर करने लगते हैं। इससे आप खुद को उनसे कमतर महसूस करने लगते हैं। इससे आपको दुख होता है। हर इंसान अपने आप में बेहतर और परिपूर्ण होता है। जरूरी है अपनी खासियत को समझना और उस पर गर्व करना।
2. सोशल मीडिया के टाइम में कटौती करें
सोशल मीडिया एक अच्छा प्लेटफोर्म है और उससे हमें काफी कुछ सीखने को भी मिलता है। लेकिन ये भी सच है कि सोशल मीडिया में फेक खबरें भी परोसी जाती हैं और अपना शो-ऑफ ज्यादा करते हैं। इन सबसे बचने के लिए सोशल मीडिया पर कम वक्त बिताएं। इससे आप तनावग्रस्त होने से बचेंगे।
3. मोबाइल का प्रयोग सीमित करें
मोबाइल हम सबकी ज़रूरत है, लेकिन इसका इस्तेमाल एक लिमिट तक ही करना चाहिए। आज के दौर हम एक मिनट भी अपने मोबाइल से दूर नहीं रह सकते। आपको पता भी नहीं चल पाता कि आपको इसकी लत हो गई है। जरूरत से ज्यादा मोबाइल और अन्य गैजेट्स का प्रयोग सिर्फ आपकी आंखों ही नहीं, बल्कि आपकी मानसिक सेहत को भी प्रभावित करता है। ये आपके दिन और रात के समय का एक बड़ा हिस्सा लील जाता है।
4. अपने शौक को समय दें
सिर्फ नौकरी और घर के काम ही नहीं, उन चीजों के लिए भी समय निकालें, जो इसके अलावा हैं। यानी अपने शौक को वक्त दें, फिर चाहें वह गीत गाना हो, नाचना, बागवानी या फिर कोई पसंदीदा खेल। अपने शौक को समय देना आपको भावनात्मक संतुष्टि का अहसास करवाता है और ये एक बेहतर स्ट्रेस बस्टर भी है।
5. खुद को करें डेट
ये एक अच्छा एक्सपेरिमेंट हो सकता है। अपने लिए कोई एक दिन चुनें और उस दिन खुद को डेट करें। अपनी पसंद की ड्रेस पहनें, अपनी पसंद का खाना खाएं और वह सब करें, जो आपको अपने लिए करना पसंद है। सबसे जरूरी बात, इसके लिए किसी मुहूर्त का इंतजार न करें। जब भी आप चाहें, अपने दिन को अपने लिए सेलिब्रेट कर सकते हैं।
6. योग-ध्यान-प्राणायाम का अभ्यास करें यानी कुछ ना कुछ फिजिकल जरूर करें
यह आपकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। योग जहां आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, वहीं ध्यान और प्राणायाम आपको मानसिक तनाव से राहत देता है। प्राणायाम एक श्वसन क्रिया है, जो आपके शरीर के सभी अंगों तक उचित मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करती है। वहीं ध्यान आपको तनावमुक्त कर किसी भी तरह के अवसाद या मानसिक विकार से बचाता है। वॉकिंग, दौड़ना, एक्सरसाइज आपको हेल्दी तो रखते ही हैं, इस दौरान आपके शरीर में निकलने वाले हार्मोन तनावमुक्त भी करते हैं।
7. दूसरों की मदद करें
किसी के लिए कुछ करने या कुछ देने की भावना भी आपको भावनात्मक संतुष्टि देती है। जरूरी नहीं कि यह कोई बहुत बड़ा काम करने के बाद ही हासिल की जाए। इस खुशी को आप अपनी दिनचर्या में भी शामिल कर सकते हैं। दूसरों की मदद करें, माफ करना सीखें और गलतियों को सकारात्मक तरीके से सुधारना सीखें। ये छोटे-छोटे नुस्खे आपको दिन के अंत में परिपूर्णता और खुशी का अहसास देंगे।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us