तिरुपति मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर देशभर में अब भी घमासान मचा हुआ। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। बीते दिनों इस मामले में चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने एक SIT का गठन कर जांच के आदेश दिए थे। अब खबर सामने आ रही है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने SIT जांच पर अस्थाई रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर होगी
आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी, इसलिए तब तक SIT जांच नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि सीएम ने इस मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय SIT गठित की थी। इस SIT में की कमान गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के हाथों में दी गई है।
SC ने सीएम को लगाई थी फटकार
इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि जुलाई में आई रिपोर्ट पर दो महीने बाद बयान क्यों दिया। ईश्वर को तो राजनीति से दूर रखते। कोर्ट ने कहा था कि आपने 26 सितंबर को SIT बनाई लेकिन बयान उससे पहले ही दे दिया है क्यों ? कोर्ट ने आगे कहा है कि आप राज्य के मुख्यमंत्री है और संवैधानिक पद पर हैं। आपको SIT के निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए था।
कैसे शुरू हुआ यह विवाद?
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली सरकार में तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में मिलने वाले प्रसाद बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके बाद 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd.) भेजे थे। 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट में एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) ने मुताबिक जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार किया गया घी से प्रसाद के लड्डू बनाए जा रहे हैं।
इसके बाद 22 जुलाई को मंदिर ट्रस्ट ने बैठक के बाद 23 जुलाई को प्रसाद वाले घी के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए। इसकी चौंकाने वाली रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई। इस पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तत्कालीन जगन सरकार पर हमला बोला। चंद्रबाबू नायडू सरकार ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। इस तरह के कृत्य से मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंची। ये आस्था से बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ।
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